DL RC Link to Aadhar Card: चालान से बचने के लिए लोग तरह-तरह के आइडिया अपनाते रहते हैं. कभी कोई अपना मोबाइल नंबर बदल लेता है, तो कोई अपने घर का पता ही चेंज करा लेता है. लेकिन अब ऐसे करने का कोई फायदा नहीं होगा. सरकार तमाम नागरिकों के वाहन पंजीकरण (RC) और ड्राइविंग लाइसेंस (DL) को आधार से लिंक करने की तैयारी कर रही है. ऐसे करने से लोग अपने चालान से बच नहीं पाएंगे. क्योंकि आधार से आपके असली नंबर और पते की जानकारी सरकार को मिल जाएगी, जिससे आपसे चालान वसूलना आसान होगा.
आला अधिकारियों का बयान
इस मामले में आला अधिकारियों ने कहा कि "ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले कई लोग अपना जुर्माना नहीं भर रहे हैं. इसके साथ-साथ वह लोग ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करकर बचने की कोशिश भी कर रहे हैं. उन लोगों के लिए इसी तरह की सख्त निगरानी की जरूरत है." अधिकारियों ने कहा कि "बहुत से लोग तो जुर्माने और कार्रवाई से बचने के लिए अपना मोबाइल नंबर बदल लेते हैं और फिर नए ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन कर देते हैं."
सड़क परिवहन मंत्रालय की रिपोर्ट
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय (MRTH) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, परिवहन विभाग ने नियम तोड़ने वाले लोगों का जो चालान काटा है, उनमें से 12,000 करोड़ रुपए से ज्यादा के ई-चालान का भुगतान अब तक नहीं किया गया है. इस नाकामी के पीछे की सबसे बड़ी वजह ई-चालान प्रणाली का डेटाबेस. उस डेटाबेस में जो जानकारी है, वह सही नहीं है. इसमें लोगों के मोबाइल नंबर और पता पहले के हैं, जिसपर अब लोग रिस्पांस नहीं कर रहे हैं.
डेटाबेस में दशकों पुराने ड्राइविंग लाइसेंस
उस डेटाबेस में 60, 70 और 90 के दशक की गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन और ड्राइविंग लाइसेंस जमा हैं. सही जानकारी नहीं होने पर लोगों से चालान वसूल नहीं हो पा रहा है. परिवहन विभाग का कहना है कि "सारथी और वाहन डेटाबेस पर कुछ ड्राइविंग लाइसेंस (DL) और आरसी (RC) कई साल पुराने हो सकते हैं. विभाग अब ऐसी व्यवस्था के बारे में विचार कर रहा है, जहां गाड़ियों के मालिकों या लाइसेंस धारकों के लिए अपना विवरण अपडेट करना जरूरी हो जाए.