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ट्रंप के 50% टैर‍िफ का असर? भारतीय तेल कंपन‍ियों ने रूस से कम तेल खरीदारी करने का क‍िया फैसला

US Tariff on India: अमेर‍िका की तरफ से कल रात भारतीय न‍िर्यात पर टैरिफ बढ़ाकर 50 फीसदी करने का ऐलान क‍िया गया. इसके बाद ब्लूमबर्ग की तरफ से दावा क‍िया गया क‍ि भारतीय तेल र‍िफाइनर‍ियों ने रूस से कम तेल खरीदने का फैसला क‍िया है.

ट्रंप के 50% टैर‍िफ का असर? भारतीय तेल कंपन‍ियों ने रूस से कम तेल खरीदारी करने का क‍िया फैसला
Kriyanshu Saraswat|Updated: Aug 07, 2025, 06:27 PM IST
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Donald Trump on Tariff: अमेर‍िकी राष्‍ट्रपत‍ि डोनाल्‍ड ट्रंप ने पहले 25 फीसदी और उसके बाद भारतीय से आयात क‍िये जाने वाले सामान पर टैर‍िफ को बढ़ाकर 50 फीसदी करने का ऐलान क‍िया है. उनकी नाराजगी रूस से आयात क‍िये जाने क्रूड ऑयल को लेकर है. उनकी मंशा है क‍ि भारत, रूस से तेल खरीदना कम कर दें. पहले उन्‍होंने इसको लेकर द‍िल्‍ली को चेतावनी दी थी. लेक‍िन बाद में भारतीय इकोनॉमी को कमजोर करने की कोश‍िश की और टैर‍िफ को 25 फीसदी से बढ़ाकर 50 फीसदी कर द‍िया. मीड‍िया में आ रही रही खबरों में जो दावा क‍िया जा रहा है, उन पर यकीन करें तो ट्रंप की प्रेशर टैक्‍ट‍िस काम कर गई है और भारतीय तेल कंपन‍ियों ने रूस से कम तेल आयात करने का फैसला क‍िया है.

रूसी तेल की खरीदारी कम करने का फैसला!

अमेर‍िका की तरफ से 50 फीसदी टैर‍िफ की घोषणा क‍िये जाने के बाद दावा क‍िया जा रहा है क‍ि भारतीय कंपन‍ियों ने रूस से तेल की खरीदारी कम करने का फैसला क‍िया है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार भारत की तरफ से रूसी तेल की खरीदारी को कम करने का फैसला क‍िया गया है. यह अमेरिका की तरफ से लगातार बढ़ रहे दबाव के कारण हुआ है. दरअसल, यूएस प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय निर्यात पर 50% टैरिफ लगाने का ऐलान क‍िया है. उनका यह कदम रूस से कच्चे तेल के लगातार आयात के जवाब के रूप में देखा जा रहा है. वह कई बार इसको लेकर अपनी स्‍पीच में भी कह चुके हैं.

यह भी पढ़ें: ट्रंप की ख्‍वाह‍िश रूस से तेल खरीदना बंद करे भारत, लेक‍िन पीएम मोदी क्‍यों कर रहे 'NO'?

सरकार की तरफ से म‍िलने वाले आदेश का इंतजार

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में दावा क‍िया गया क‍ि सरकारी तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ल‍िम‍िटेड (IOCL),  भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन ल‍िम‍िटेड (HPCL) ने आने वाले महीनों में स्‍पॉट मार्केट से रूसी तेल नहीं खरीदने का फैसला किया है. इस फैसले से अक्टूबर में लोड होने वाले रूस के क्रूड ऑयल की खरीद पर फर्क पड़ेगा. मामले से जुड़े जानकारों ने ब्लूमबर्ग को बताया क‍ि क‍िसी भी नई खरीदारी का ऑर्डर करने से पहले रिफाइनरियां सरकार की तरफ से म‍िलने वाले आदेश का इंतजार कर रही हैं. रिपोर्ट में बताया गया क‍ि इन लोगों ने नाम नहीं प्रकाश‍ित करने की शर्त पर इससे जुड़ी जानकारी दी है.

सरकार ने क‍िसी तरह का ऑफ‍िश‍ियल आदेश नहीं द‍िया

हालांक‍ि, सरकार की तरफ से रूस से कम तेल कम खरीदने को लेकर क‍िसी तरह का ऑफ‍िश‍ियल आदेश नहीं द‍िया गया है. लेकिन सरकार की तरफ से इस पूरे मामले की समीक्षा की जा रही है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में दावा क‍िया गया क‍ि रिफाइनरी कंपनियों को रूस के अलावा दूसरे देशों से तेल खरीद का वैकल्पिक प्‍लान तैयार करने के लि‍ए कहा गया है. क्रूड ऑयल की डील आमतौर पर डेढ़ से दो महीने पहले होती है. इस तरह ऑयल रिफाइनरियों को अपनी भव‍िष्‍य की जरूरत के ह‍िसाब से सप्‍लाई लेने का समय म‍िल जाता है.

यह भी पढ़ें: रूस से दोस्‍ती पड़ रही भारी? भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था को कमजोर करने की ट्रंप की एक और कोश‍िश, क‍िस देश पर सबसे ज्‍यादा टैर‍िफ

दुनिया की नजर भारत के ऑयल इम्‍पोर्ट पर
जब तक सरकार की तरफ से क‍िसी तरह का आदेश नहीं द‍िया जाता, तब तक अगस्त और सितंबर में लोड होने वाले यूराल क्रूड के प्‍लान के अनुसार जारी रहने की उम्मीद है. तेल के कुछ कार्गो पहले ही भारतीय बंदरगाह पर पहुंच चुके हैं. कुछ खेप में थोड़ी देरी भी हुई है. ट्रंप की तरफ से भारतीय एक्‍सपोर्ट पर टैरिफ बढ़ाकर 50% क‍िये जाने के बाद पूरी दुनिया की नजर भारत के ऑयल इम्‍पोर्ट पर है. टैर‍िफ में यह इजाफा भारत को रूस के साथ ट्रेड जारी रखने की सजा के तौर पर देखा जा रहा है. दूसरी तरफ अमेरिका की तरफ से चीन पर इस तरह का कोई कदम नहीं उठाया, जबकि चीन भी रूसी तेल का बड़ा खरीदार है.

हर द‍िन 20 लाख बैरल तेल का इम्‍पोर्ट

रूस और यूक्रेन जंग के बाद भारत ने रूस से ऑयल इम्‍पोर्ट को बढ़ा दिया है. यह पहले करीब जीरो था. बाद में यह बढ़कर 20 लाख बैरल रोजाना से भी ज्‍यादा हो गया. अब रिफाइनरी कंपन‍ियां ऑर्डर देने से पहले सरकार की तरफ से द‍िये जाने वाले आदेश का इंतजार कर रही हैं. ऐसे में ऑयल इम्‍पोर्ट का यह आंकड़ा ग‍िर सकता है. बाजार से जुड़े एक्‍सपर्ट की तरफ से भी यह उम्‍मीद की जा रही है क‍ि भारत की तरफ से यूराल क्रूड ऑयल की मांग ग‍िर सकती है. रूस इस पर ज्‍यादा छूट का ऑफर कर सकता है और चीन को भी ज्‍यादा तेल बेच सकता है. दूसरी तरफ, भारतीय रिफाइनर‍ियां तेल की कमी को पूरा करने के ल‍िए अमेरिका, म‍िड‍िल ईस्‍ट और अफ्रीकी देशों से तेल की खरीद कर सकती हैं.

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