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इतने साल बाद दुन‍िया की तीसरी बड़ी इकोनॉमी बन जाएगा भारत, क‍िसने की यह भव‍िष्‍यवाणी

India GDP: मॉर्गन स्टेनली के अनुसार दुनिया की कुल जीडीपी ग्रोथ में भारत की हिस्सेदारी आने वाले दशक में 20 प्रतिशत रहेगी. ऐसे में कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों की आय वृद्धि के लिए देश काफी अहम बाजार है.  

इतने साल बाद दुन‍िया की तीसरी बड़ी इकोनॉमी बन जाएगा भारत, क‍िसने की यह भव‍िष्‍यवाणी
Kriyanshu Saraswat|Updated: Jul 23, 2025, 03:02 PM IST
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Morgan Stanley Report: प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को 2047 तक व‍िकस‍ित भारत बनाने का टारगेट रखा हुआ है. सरकार की तरफ से इकोनॉमी को बूस्‍ट करने के ल‍िए लगातार प्रयास क‍िये जा रहे हैं. सरकार की तरफ से क‍िये जा रहे प्रयासों की लगातार तारीफ हो रही है. दिग्गज इन्वेस्टमेंट कंपनी मॉर्गन स्टेनली की तरफ से जारी रिपोर्ट में कहा गया कि भारत 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन सकता है. साथ ही, 2035 तक इकोनॉमी का साइज 10.6 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है.

इन पांच राज्‍यों की इकोनॉमी 1 ट्रिलियन डॉलर की होगी

मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट में बताया गया कि यह अनुमान इस संभावना पर आधारित है कि 2030 और 2035 के बीच तीन से पांच राज्य (महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक) की अर्थव्यवस्था लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर की होगी और ये शीर्ष 20 वैश्‍व‍िक इकोनॉमी में शाम‍िल होंगे. रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में रैंकिंग में अच्छा सुधार दिखाने वाले राज्य छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश हैं.

भारत की हिस्सेदारी आने वाले दशक में 20% की रहेगी
मॉर्गन स्टेनली के अनुसार दुनिया की कुल जीडीपी ग्रोथ में भारत की हिस्सेदारी आने वाले दशक में 20 प्रतिशत रहेगी. ऐसे में कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों की आय वृद्धि के लिए देश काफी अहम बाजार है. मॉर्गन स्टेनली के इकोनॉम‍िस्‍ट ने कहा, 'इस र‍िजल्‍ट को सुनिश्‍च‍ित करने के लिए, अन्य चीजों के अलावा, भारत के 28 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों की भूमिका काफी अहम है. राज्य न केवल राजकोषीय प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, बल्कि उपयुक्त नीतियां बनाकर और प्रोत्साहन देकर व्यावसायिक परिस्थितियों को आसान बनाते हैं. साथ ही, निवेश के लिए प्रतिस्पर्धा भी करते हैं.'

उनके पास अलग-अलग जनादेशों वाले स्वतंत्र राजनीतिक चक्र होते हैं जो विकास को सकारात्मक या नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं और उन्हें उत्पादन के कारकों को नियंत्रित करने के लिए कानून द्वारा सशक्त बनाया जाता है. रिपोर्ट में बताया गया, 'भारत के प्रतिस्पर्धी संघवाद की सफलता यह तय करने में मदद करेगी कि क्या वह दुनिया के लिए एक कारखाना बनेगा, आने वाले सात वर्षों में अपनी प्रति व्यक्ति आय को दोगुना करेगा और क्या शेयर बाजार अपना मजबूत प्रदर्शन जारी रखेगा.' (IANS) 

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