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HDFC के बाद ICICI बैंक ने करोड़ों ग्राहकों को द‍िया झटका, अब घटकर इतनी रह गई ब्‍याज दर

RBI Repo Rate: एचडीएफसी ने आरबीआई की तरफ से लगातार दो बार ब्याज दर में कटौती क‍िये जाने के बाद जमा पेशकश में कटौती की घोषणा की थी. बैंकों की तरफ से जमा ब्याज दर में कटौती तब से शुरू की गई है जब कुछ दिन पहले ही आरबीआई (RBI) ने लगातार दूसरी बार अपनी मुख्य ब्याज दर को कम किया था.

HDFC के बाद ICICI बैंक ने करोड़ों ग्राहकों को द‍िया झटका, अब घटकर इतनी रह गई ब्‍याज दर
Kriyanshu Saraswat|Updated: Apr 16, 2025, 12:56 PM IST
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ICICI Bank Interest Rate: र‍िजर्व बैंक (RBI) की तरफ से प‍िछले द‍िनों रेपो रेट में की गई कटौती के बाद अलग-अलग बैंकों की तरफ से ब्‍याज दर में बदलाव क‍ियाा जा रहा है. प‍िछले द‍िनों सरकारी बैंकों ने अपनी लोन की ब्‍याज दर में ग्राहकों को राहत दी थी. इसी क्रम में आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) ने अपने सेव‍िंग अकाउंट जमा ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की है. बैंक की वेबसाइट पर इससे जुड़ी जानकारी दी गई. प्राइवेट सेक्‍टर के दूसरे सबसे बड़े बैंक का यह कदम उसके बड़े कॉम्‍पटीटर एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) की तरफ से ब्‍याज दर कम क‍िये जाने के कुछ दिन बाद उठाया गया है.

लगातार दो बार ब्याज दर में कटौती

एचडीएफसी ने आरबीआई की तरफ से लगातार दो बार ब्याज दर में कटौती क‍िये जाने के बाद जमा पेशकश में कटौती की घोषणा की थी. वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार आईसीआईसीआई बैंक के जमाकर्ताओं को 50 लाख रुपये तक की बचत पर बैंक की तरफ से 2.75 प्रतिशत का ब्‍याज द‍ि‍या जाएगा, यह एचडीएफसी बैंक की पेशकश के ही समान है. 50 लाख रुपये से ज्‍यादा के बाकी के लिए यह 3.25 प्रतिशत होगी.

एसबीआई की ब्‍याज दर 2.70 प्रतिशत
आईसीआईसीआई बैंक की संशोधित दरें बुधवार यानी आज से लागू हो गईं. देश का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई मौजूदा समय में सेव‍िंग बैंक खातों पर 2.70 प्रतिशत का ब्याज दे रहा है. बाकी बैंकों ने भी पिछले कुछ दिनों में एफडी की ब्‍याज दर में कटौती की है. बैंकों की तरफ से जमा ब्याज दर में कटौती तब से शुरू की गई है जब कुछ दिन पहले ही आरबीआई (RBI) ने लगातार दूसरी बार अपनी मुख्य ब्याज दर को कम किया था. इस वजह से पिछले चार महीने में रेपो रेट में कुल 0.50 प्रतिशत की कमी आई है.

ब्‍याज से होने वाली आमदनी पर भी दबाव
केंद्रीय बैंक की तरफ से यह भी साफ कर दिया गया क‍ि वह चाहता है कि उसकी ब्याज दर में बदलाव का असर इकोनॉमी में तेजी से दिखे, जिससे आर्थिक विकास को गति देने के टारगेट को हासिल करने में मदद मिलेगी. पिछले कुछ तिमाहियों में बैंकों के लिए जमा राशि जुटाना काफी मुश्किल काम रहा है, इस दौरान नकदी की भी कमी देखी गई. हाल ही में बैंक अपने शुद्ध ब्याज मार्जिन (net interest margins) पर दबाव की बात कह रहे हैं. 

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