Air India Dreamliner Crash: अहमदाबाद में एयर इंडिया का प्लेन क्रैश होने के बाद एयरलाइन के लिए सबकुछ सही नहीं चल रहा है. पिछले एक हफ्ते से ज्यादा के दौरान एयरलाइन को डोमेस्टिक और इंटरनेशनल रूट पर अपनी कई फ्लाइट को रद्द करना पड़ा. इसके अलावा यात्री भी अपने टिकट कैंसल करा रहे हैं. इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (IATO) के चेयरमैन रवि गोसाईं की तरफ से दी गई जानकारी में बताया गया कि पिछले हफ्ते बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर प्लेन के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद एयर इंडिया की फ्लाइट बुकिंग में करीब 20 प्रतिशत की कमी आई है. यह कमी घरेलू और इंटरनेशनल रूट, दोनों पर ही देखी गई है. इसके साथ ही हवाई किराये में भी 8 से 15 प्रतिशत तक की गिरावट आई है.
इंटरनेशनल बुकिंग में 18-22 प्रतिशत की गिरावट
एयर इंडिया के प्रवक्ता की तरफ से इस पूरे मामले पर किसी तरह की टिप्पणी नहीं की गई. आपको बता दें 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. इस प्लेन में 242 यात्री और क्रू मेंबर्स सवार थे. इस हादसे में एक यात्री को छोड़कर सभी की जान चली गई थी. रवि गोसाईं ने बताया कि एयर इंडिया हादसे के बाद एयरलाइन की बुकिंग में अस्थायी गिरावट आई है, इसका असर इंटरनेशनल रूट पर ज्यादा देखा जा रहा है. अनुमान है कि हादसे के तुरंत बाद इंटरनेशनल बुकिंग में करीब 18-22 प्रतिशत और डोमेस्टिक बुकिंग में 10-12 प्रतिशत की कमी आई है.
समय के साथ विश्वास फिर से स्थिर होगा
उन्होंने बताया कि यह एक छोटी अवधि की भावना-आधारित प्रतिक्रिया है. आमतौर पर समय के साथ विश्वास फिर से स्थिर हो जाता है. IATO चेयरमैन ने बताया कि एयर इंडिया के खास रूट्स पर भी किराये में थोड़ा बदलाव आया है. गोसाईं ने कहा, घरेलू रूट्स पर जहां इंडिगो और अकासा जैसी कम लागत वाली एयरलाइंस से सीधा कॉम्पटीशन रहता है, वहां टिकट की कीमत में 8-12 प्रतिशत की कमी आई है. इंटरनेशन रूट्स पर तो यह 10-15 प्रतिशत तक गिर गया है.
इंटरनेशनल फ्लाइट पर ज्यादा असर
जब उनसे इस बारे में पूछा गया कि क्या टूर ऑपरेटर्स के जरिये बुक की गई एयर इंडिया की फ्लाइट को यात्रियों ने रद्द किया है? IATO चेयरमैन ने कहा, हां-हमने कैंसिलेशन के मामले में तेजी से वृद्धि देखी है. खासकर कॉर्पोरेट और हाई-एंड लेजर ट्रैवलर्स यात्री वैकल्पिक एयरलाइंस में जाना पसंद करते हैं. उन्होंने बताया कि पिछले हफ्ते इंटरनेशनल फ्लाइट के रद्द होने में 15-18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जबकि घरेलू उड़ानों में यह 8-10 प्रतिशत रही. इस चलन आने वाले दिनों में सामान्य होने की उम्मीद है.