Anand Mahindra on Trump tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत पर टैरिफ के बाद टैरिफ लगा रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि ये टैरिफ राजनैतिक कम और खुन्नस में लिया गया फैसला हो. टैरिफ का डर दिखाकर वो भारत को झुकाने की कोशिश कर रहे हैं. भारत की अर्थव्यवस्था को गिराने की साजिश रच रहे हैं, लेकिन ये टैरिफ भारत के लिए अवसर भी है. ये बात उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने कहा है. महिंद्रा एंड महिंद्रा के चेयरमैन आनंद महिंद्रा टैरिफ को आपदा से ज्यादा अवसर मानते हैं.
टैरिफ पर क्या है महिंद्रा का सुझाव
महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए टैरिफ को भारत के लिए अवसर बताया. उन्होंने कहा कि अगर सही रणनीति बनाई जाए तो भारत मौजूदा वैश्विक व्यापार की अस्थिरता को अपने पक्ष में मोड़ सकता है और मजबूत आर्थिक शक्ति बनकर उभर सकता है. आनंद महिंद्रा ने इस टैरिफ की तुलना 1991 के विदेशी मुद्रा संकट से करते हुए कहा कि जैसे आर्थिक उदारीकरण ने भारत के लिए नई राह खोली थी, टैरिफ के जरिए भी भारत आज वैश्विक मंथन कर अपने लिए अमृत निकाल सकता है. अगर सुधार की दिशा में कदम बढ़ाए जाए तो भारत दुनिया के लिए निवेश का केंद्र बन सकता है. ट्रंप को अर्थशास्त्र पढ़ने की जरूरत...अपने ही टैरिफ से अपनों पर वार कर रहे Mr.प्रेसिडेंट, अमेरिका के पिलाएंगे 'कड़वी दवा'
आनंद महिंद्रा के दो सुझाव
आनंद महिंद्रा ने कहा भारत को निवेश आकर्षित करने के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार करने होंगे. सिंगल-विंडो क्लीयरेंस सिस्टम बनाना होगा ताकि हर तरह के निवेश प्रस्ताव एक ही प्लेटफॉर्म पर मंजूर हो सकें. उन्होंने कहा कि अगर सही रणनीति बनाई जाए तो ये फैसला अमेरिका के लिए उलटा भी पड़ सकता है. उन्होंने पर्यटन को विदेशी मुद्रा का इंजन बनाने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि पर्यटन भारत में रोजगार और विदेशी मुद्रा का सबसे कम उपयोग किया गया सोर्स है, जिसे बढ़ावा देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भारत को वीजा प्रक्रिया को तेज करने की जरूरत है. टूरिस्टों की सुविधाओं, स्पेशल टूरिज्म कॉरिडोर, सुरक्षा, सफाई और सुविधा को बढ़ाकर इस टैरिफ को मात दी जा सकती है.
हर्ष गोयनका का टैरिफ पर अमेरिका को दो टूक जवाब
उद्योगपति हर्ष गोयनका ने टैरिफ पर अमेरिका को दो टूक जवाब देते हुए कहा कि भारत के निर्यात पर टैरिफ लग सकता है, लेकिन भारत की संप्रभुता पर नहीं. उन्होंने कहा कि भारत अधिक संकल्प, वैकल्पिक व्यापार रणनीतियों और मजबूत आत्मनिर्भरता के साथ अमेरिका को जवाब देगा। बता दें कि अमेरिका ने भारत पर पहले 25 फीसदी और फिर रूस से तेल खरीदना जारी रखने पर 25 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया है, यानी अमेरिका को सामान बेचने पर अब भारत को 50 फीसदी टैरिफ देना होगा.