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SBI का फैसला हैरानी वाला...अन‍िल अंबानी की लीगल टीम ने उठाए सवाल, कहा-यह प्रोसेस गलत

SBI: अन‍िल अंबानी की लीगल टीम ने एसबीआई की तरफ से रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) के लोन अकाउंट को फ्रॉड घोष‍ित क‍िये जाने को गलत बताया है. उन्‍होंने बताया क‍ि यह आदेश ब‍िना क‍िसी जानकारी के जारी क‍िया गया है. 

SBI का फैसला हैरानी वाला...अन‍िल अंबानी की लीगल टीम ने उठाए सवाल, कहा-यह प्रोसेस गलत
Kriyanshu Saraswat|Updated: Jul 03, 2025, 07:11 AM IST
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Anil Ambani SBI Fraud: अनिल अंबानी (Anil Ambani) के साथ हर बार कुछ ऐसा ही हो रहा है. वो और उनकी कंपनी दोनों कुछ संभलती हैं तो इसके बाद उन्‍हें झटका लग जाता है. प‍िछले कुछ द‍िनों में र‍िलायंस पावर और र‍िलायंस इंफ्रा ने तेजी से ब‍िजनेस डील की तो उनके शेयर बाजार में सरपट दौड़ने लगे. लेक‍िन अब उपकी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) के लोन अकाउंट को भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की तरफ से फ्रॉड घोषित क‍िया गया है. एसबीआई (SBI) के हाल‍िया आदेश पर अन‍िल अंबानी (Anil Ambani) की लीगल टीम ने कड़ी आपत्ति जताई है.

दिसंबर 2023 में जारी क‍िया गया था SCN

अंबानी के वकीलों की तरफ से द‍िये गए संदेश में कहा गया क‍ि उन्हें बिना किसी पूर्व जानकारी के यह आदेश मिलने पर हैरानी हुई. खासकर इसलिए क्योंकि एसबीआई (SBI) ने एक साल से भी ज्‍यादा समय से लोन अकाउंट के बारे में उनके मुवक्किल (अन‍िल अंबानी) की किसी भी च‍िट्ठी का जवाब नहीं दिया है. वकीलों की तरफ से मांग की गई क‍ि यह प्रोसेस गलत है और इसमें सुधार क‍िया जाना चाह‍िए. अंबानी की लीगल टीम ने बताया कि SBI की तरफ से शो-कॉज नोटिस (SCN) दिसंबर 2023 में जारी क‍िया गया था. 

SBI से नोटिस को वापस ल‍िये जाने की मांग
र‍िजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की तरफ से जुलाई 2024 में नए नियम जारी किए गए, जो पुराने नियमों को बदल देते हैं. इसलिए एसबीआई (SBI) को यह नोटिस वापस लेना चाहिए. छोटे अंबानी के वकीलों ने कहा क‍ि अनिल अंबानी रिलायंस कम्युनिकेशंस में केवल नॉन-एग्‍जीक्‍यूट‍िव डायरेक्‍टर थे. वह कंपनी के रोजमर्रा के कामों में शामिल नहीं थे. फिर भी, SBI की तरफ से उन्हें गलत तरीके से फ्रॉड के मामले में शामिल किया गया. यह गलत है और इसमें सुधार क‍िया जाना चाह‍िए.

एसबीआई की तरफ से पूरी जानकारी नहीं दी गई
वकीलों की तरफ से कहा गया क‍ि एसबीआई (SBI) ने अंबानी को पूरी जानकारी नहीं दी. बैंक की तरफ से केवल फोरेंसिक ऑडिट की अधूरी कॉपी दी गई, जिससे अंबानी को जवाब देने का पूरा मौका नहीं मिला. साथ ही SBI ने उन्हें व्यक्तिगत सुनवाई का मौका भी नहीं दिया. यह सब सुप्रीम कोर्ट के फैसलों और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है. SBI ने एक साल तक उनकी च‍िट्ठी का जवाब नहीं दिया, जिससे अंबानी को यह लगा कि बैंक उनकी बात मान चुका है.

स्वतंत्र निदेशकों के खिलाफ नोटिस वापस लिया
इसके अलावा एसबीआई (SBI) ने RCom के अन्य नॉन-एग्‍जीक्‍यूट‍िव और स्वतंत्र निदेशकों के खिलाफ नोटिस वापस ले लिया है. इससे साबित होता है कि अंबानी को शामिल करना गलत था. अंबानी की लीगल टीम ने कहा कि वे इस मामले को लीगल एडवाइज के आधार पर आगे बढ़ा रहे हैं. उनकी मंशा है क‍ि SBI गलत नोटिस को वापस ले, सभी डॉक्‍यूमेंट दे और सही प्रोसेस को फॉलो करे.

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