भारत के उद्योग जगत में एक बार फिर से हलचल मच गई है. अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस डिफेंस लिमिटेड ने भारत के एविएशन सेक्टर में बड़ा कदम उठाते हुए ₹10,000 करोड़ का निवेश करने की घोषणा की है. इस महत्वाकांक्षी परियोजना का मकसद 2028 तक भारत में निर्मित पहला घरेलू कॉमर्शियल एयरक्राफ्ट लॉन्च करना है. यह जानकारी एक रिपोर्ट में मिंट द्वारा दी गई है.
रिलायंस डिफेंस की यह योजना भारत को ग्लोबल एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग मैप पर लाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास मानी जा रही है. इस निवेश का एक हिस्सा रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के जरिए जुटाया जाएगा, जो कि अनिल अंबानी की मूल कंपनी है. कंपनी करीब ₹17,600 करोड़ का फंड इक्विटी शेयर, इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट और विदेशी मुद्रा बॉन्ड के माध्यम से जुटाएगी. साथ ही, नौ सड़क परियोजनाओं के मोनेटाइजेशन से भी पूंजी लाई जाएगी.
रिलायंस डिफेंस के एमडी और सीईओ राजेश ढींगरा ने कहा कि अगले 5 वर्षों में हम ग्लोबल एयरक्राफ्ट इंडस्ट्री का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाएंगे. हमारी योजना भारत को एक प्रमुख एविएशन मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की है.
नागपुर से भरेगा 'Falcon Jets' का पहला 'Made in India' सपना
रिलायंस की एविएशन स्ट्रेटेजी का केंद्र डसॉल्ट रिलायंस एयरोस्पेस लिमिटेड (DRAL) है, जो डसॉल्ट एविएशन के साथ एक ज्वाइंट वेंचर है. यह साझेदारी नागपुर के मिहान प्रोजेक्ट के तहत Falcon 2000 LXS बिजनेस जेट्स का असेंबली काम कर रही है. यह पहली बार है जब डसॉल्ट फ्रांस के बाहर एयरक्राफ्ट बना रहा है और इसमें 51.49% हिस्सेदारी रिलायंस की है. फ्यूचर प्लान के तहत, DRAL Falcon 6X और Falcon 8X जैसे हाई-एंड जेट्स के निर्माण को भी नागपुर में शिफ्ट करेगा. डसॉल्ट और रिलायंस का मानना है कि भारत अब एक ग्लोबल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बन सकता है.
डिफेंस में भी मजबूत पकड़ बना रहा रिलायंस
रिलायंस डिफेंस सिर्फ कॉमर्शियल एविएशन तक सीमित नहीं है. कंपनी फ्रेंच डिफेंस कंपनी थेल्स SA के साथ भी साझेदारी कर रही है. उनका जॉइंट वेंचर थेल्स रिलायंस डिफेंस सिस्टम्स मिराज 2000 के अपग्रेड और राफेल की लॉजिस्टिक सपोर्ट में सक्रिय है. इसके अलावा, कंपनी HAL (हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड) और जेनेसिस एयरोसिस्टम्स के साथ मिलकर डोर्नियर एयरक्राफ्ट के अपग्रेड पर भी काम कर रही है. अब तक 37 विमानों को अपग्रेड किया जा चुका है और 18 और विमानों के लिए कॉन्ट्रैक्ट मिल चुके हैं.
भारत का एविएशन भविष्य: निजी कंपनियों की बड़ी भूमिका
सरकारी अनुमानों के मुताबिक, भारत का डिफेंस प्रोडक्शन FY29 तक ₹3 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है. इस दिशा में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स, महिंद्रा एयरोस्पेस, भारत फोर्ज जैसी कंपनियों के साथ-साथ अब रिलायंस डिफेंस भी बड़ी भूमिका निभाने की तैयारी में है. हालांकि, अब तक रिलायंस को कोई बड़ा डिफेंस कॉन्ट्रैक्ट नहीं मिला है, लेकिन ग्लोबल पार्टनरशिप, इनोवेशन और मजबूत वित्तीय बैकिंग के दम पर कंपनी खुद को भविष्य का प्रमुख खिलाड़ी साबित करने के लिए तैयार दिख रही है.