Anil Ambani share: उद्योगपति अनिल अंबानी लगातार मुश्किलों से जूझ रहे हैं. अनिल अंबानी की कंपनी जांच एजेंसियों के रडार पर है. कर्ज और बैंक लोन मामले में पूछताछ चल रही है, लेकिन इन सब खबरों के बीच अनिल अंबानी की एक कंपनी के शेयर अचानक चढ़ने लगे. Reliance Infrastruture के शेयरों में तेजी देखने को मिली. शुक्रवार को रिलायंस इंफ्रस्ट्रक्चर के शेयर इंट्रा डे पर 8 फीसदी पर उछल गए. शेयर 269 रुपये से चढ़कर 290.70 रुपये पर पहुंच गए. हालांकि बाद में मुनाफावसूली के चक्कर में शेयर बाद में 3 फीसदी टूट गए. रिलायंस इंफ्रा के शेयरों में इस तेजी के पीछे वो गुड न्यूज है, जो इस मुश्किल वक्त में अनिल अंबानी के लिए संजीवनी से कम नहीं है.
अनिल अंबानी के लिए 11 साल बाद आई खुशखबरी
अनिल अंबानी की कंपनी को 11 साल पुराने विवाद मामले में बड़ी खुशखबरी मिली है. रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को सुप्रीम कोर्ट से उसकी सहायक कंपनियों BSES यमुना पावर और BSES राजधानी पावर 28481 करोड़ रुपये की वसूली करने की अनुमति मिल गई है. सर्वोच्च अदालत ने अनिल अंबानी की कंपनी को अगले चार सालों में इस रकम की वसूली की अनुमति दे दी है. ₹500 वाले फोन से चमकी थी किस्मत, वोडाफोन, एयरटेल के छुड़ा दिए थे छक्के...पर भाई ने ही बिगाड़ा अनिल अंबानी का खेल, दिवालिया हो गई कंपनी
11 साल पुराने विवाद में मिली राहत
अनिल अंबानी की कंपनी का ये विवाद साल 2014 से चल रहा था. कोर्ट ने बीएसईए डिस्कॉमम, बीएसईएस यमुना पावर, बीएसईएस राजधानी पावर की ओर ये दायर रिट याचिका दायर की थी, जिसके बाद अब इस मामले में फैसला अनिल अंबानी की कंपनी पक्ष में आया है. कंपनी को अब इस फंड को ग्राहकों से वसूलने का अधिकार मिल गया है. रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने इसकी जानकारी एक्सचेंज फाइलिंग को दी और कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने 6 अगस्त को दो बीएसईएस वितरण कंपनियों द्वारा दायर रिट याचिकाओं और सिविल अपीलों का निपटारा कर दिया है. फैसले में कोर्ट ने पारदर्शिता और समय पर वसूली सुनिश्चित करने के लिए विद्युत नियामकों और विद्युत अपीलीय न्यायाधिकरण को आदेश जारी किए हैं. बता दें कि बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड और बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड, अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की बिजली वितरण कंपनियां है. ये कंपनी दिल्ली में बिजली आपूर्ति करती है, दिल्ली में इनके 53 लाख से अधिक ग्राहक है. कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग की देखरेख में वसूली प्रक्रिया शुरू होगी, जिससे दिल्ली के उपभोक्ताओं के बिजली बिल में वृद्धि हो सकती है.