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डेली UPI करने वालों के लिए बड़ी खबर! ICICI बैंक ने दिया झटका, जानिए क्या है आपके बैंक का हाल

अगर आप रोजाना UPI पेमेंट करते हैं और अब तक इसे फ्री का डिजिटल सौदा समझते थे, तो यह खबर आपके लिए चेतावनी की घंटी है. भारत की टॉप प्राइवेट बैंकों में से एक ICICI बैंक ने अब UPI ट्रांजैक्शन प्रोसेसिंग पर फीस वसूलने की पहल शुरू कर दी है.

डेली UPI करने वालों के लिए बड़ी खबर! ICICI बैंक ने दिया झटका, जानिए क्या है आपके बैंक का हाल
Shivendra Singh|Updated: Aug 06, 2025, 10:58 AM IST
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अगर आप रोजाना UPI पेमेंट करते हैं और अब तक इसे फ्री का डिजिटल सौदा समझते थे, तो यह खबर आपके लिए चेतावनी की घंटी है. भारत की टॉप प्राइवेट बैंकों में से एक आईसीआईसीआई बैंक ने अब UPI ट्रांजैक्शन प्रोसेसिंग पर फीस वसूलने की पहल शुरू कर दी है. हालांकि आम यूजर्स और व्यापारी फिलहाल राहत में हैं, लेकिन संकेत साफ हैं UPI पर मुफ्त सफर अब ज्यादा दिनों का नहीं है. 1 अगस्त 2025 से आईसीआईसीआई बैंक ने पेमेंट एग्रीगेटर्स (PAs) से UPI लेन-देन पर प्रोसेसिंग फीस वसूलना शुरू कर दिया है. जिन पेमेंट एग्रीगेटर्स का आईसीआईसीआई बैंक में एस्क्रो अकाउंट है, उनसे बैंक हर ट्रांजैक्शन पर 2 बेसिस पॉइंट्स (0.02 प्रति 100 रुपये) चार्ज करेगा, जिसकी अधिकतम सीमा 6 रुपये प्रति लेनदेन है. वहीं, जिन पेमेंट एग्रीगेटर्स का एस्क्रो अकाउंट आईसीआईसीआई बैंक में नहीं है, उनसे 4 बेसिस पॉइंट्स यानी 10 रुपये तक की राशि प्रति ट्रांजैक्शन ली जाएगी.

सरकार के जीरो MDR पॉलिसी के चलते अभी ये फीस न उपभोक्ता और न ही व्यापारी से वसूला जाएगा. पर बैंक और डिजिटल पेमेंट एक्सपर्ट्स का मानना है कि लंबे समय में यह बोझ उपभोक्ताओं तक पहुंच सकता है. बैंक UPI ट्रांजैक्शन को प्रोसेस करने के लिए बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर, सर्वर, सिक्योरिटी सिस्टम और NPCI को स्विच फीस देता है. उदाहरण के लिए, NPCI हर ट्रांजैक्शन पर बैंकों से 0.02% फीस लेता है. इन बढ़ते खर्चों के चलते बैंक अब पेमेंट एग्रीगेटर्स से फीस वसूलने की ओर बढ़ रहे हैं.

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क्या दूसरे बैंक भी ले रहे हैं शुल्क?
जी हां, एक्सिस, यस बैंक और कुछ पब्लिक सेक्टर बैंक पहले ही पेमेंट एग्रीगेटर्स से 6-10 बेसिस पॉइंट्स तक का चार्ज ले रहे हैं. कई बैंकों ने नए नियमों के तहत UPI प्रोसेसिंग चार्ज की पुष्टि की है. डिजिटल पेमेंट एक्सपर्ट्स का मानना है कि फिलहाल सरकार की सख्ती और कैश की ओर पलायन की आशंका के कारण ग्राहकों से ये चार्ज नहीं लिया जाएगा. लेकिन अगर बैंक लंबे समय तक इस बोझ को सहन नहीं कर पाए तो ग्राहक को भी जेब ढीली करनी पड़ सकती है.

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क्या बोले एक्सपर्ट?
प्लूटोस वन के फाउंडर रोहित महाजन का कहना है कि यह एक जरूरी कदम है, जो UPI सिस्टम को लंबे समय तक टिकाऊ बनाएगा. इससे बैंक इंफ्रास्ट्रक्चर, फ्रॉड कंट्रोल और अपटाइम में और निवेश कर पाएंगे.

F&Qs

1. UPI क्या है?
UPI (Unified Payments Interface) एक डिजिटल पेमेंट सिस्टम है, जो भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विकसित किया गया है. यह मोबाइल ऐप्स के जरिए तुरंत पैसे ट्रांसफर करने की सुविधा देता है.

2. UPI से पेमेंट करने के लिए क्या चाहिए?
आपको एक UPI-सक्षम ऐप (जैसे फोनपे, गूगल-पे, पेटीएम), बैंक खाता, रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और UPI पिन की जरूरत होती है.

3. UPI से रोजाना कितना पैसा भेजा जा सकता है?
रोजाना 1 लाख रुपये तक का लिमिट है, लेकिन यह बैंक या ऐप के नियमों पर निर्भर करता है.

4. UPI पेमेंट सेफ है?
हां, UPI सेफ है, क्योंकि इसमें UPI पिन और OTP जैसे सेफ फीचर्स हैं. हालांकि, फ्रॉड से बचने के लिए अपने पिन को गोपनीय रखें.

5. UPI से पैसे वापस कैसे मिल सकते हैं?
अगर गलती से पैसे भेज दिए जाएं, तो रिसीवर से अनुरोध करें. अगर वे सहमत हों, तो रिफंड कर सकते हैं. अन्यथा, बैंक या एनपीसीआई से शिकायत कर सकते हैं.

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