Budget on Farmers: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के शुरुआत के साथ ही कहा कि सरकार का फोकस GYAN यानी गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी पर है. जैसा उन्होंने कहा बजट के शुरुआत के साथ ही देश के 1.7 करोड़ किसानों को खुश कर दिया. बजट 2025 में मोदी सरकार ने देश के करोड़ों किसानों को बड़ी खुशखबरी देते हुए कई बड़े ऐलान किए, लेकिन सबसे राहत उन्हें किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) की लिमिट बढ़ने से मिली है.
किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ी
सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढा दी है. सरकार ने बजट में किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है. बजट में किसानों के लिए घोषणाओं से देश के अन्नादाताओं को बड़ी राहत मिली है. किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ने के साथ ही कृषि कार्यक्रम से 1.7 करोड़ किसानों की मदद, कम उत्पादकता वाले 100 जिलों को कवर करने के लिए कृषि योजना शामिल है. बता दें कि किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों आदि को क्रेडिट मिलता है. शनिवार को संसद में बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि सरकार सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिए ऋण गारंटी कवर बढ़ाएगी ताकि उनकी कर्ज तक पहुंच में सुधार हो सके. इसके अलावा, सरकार सूक्ष्म उद्यमों के लिए पांच लाख रुपये की सीमा वाले ‘कस्टमाइज्ड’ क्रेडिट कार्ड पेश करेगी. उन्होंने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों को अल्पकालिक ऋण की सुविधा प्रदान करेंगे. उन्होंने कहा कि अच्छी तरह से संचालित निर्यातोन्मुख एमएसएमई को 20 करोड़ रुपये तक का सावधि ऋण प्रदान किया जाएगा.
पीएम धनधान्य कृषि योजना का ऐलान
बजट में पीएम धनधान्य कृषि योजना का ऐलान किया है. इससे 100 जिलों में लो प्रोडक्टिविटी पर फोकस कर के इसमें सुधार किया जाएगा. इस योजना के तहत भंडारण से लेकर सिंचाई सुविधा बढ़ाने पर फोकस होगा. प्रधानमंत्री धन धान्य योजना के तहत 1 करोड़ से ज्यादा किसानों को फायदा होगा.
बजट में खाद्य तेल और बीज के लिए राष्ट्रीय मिशन का लक्ष्य इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बनाने पर फोकस बढ़ाने की बात कही गई है.
दालों में आत्मनिर्भर बनने के लिए 6 साल का मिशन शुरु करने की बात कही गई है. इसके तहत केंद्रीय एजेंसियां अगले 4 सालों में तुअर, उड़द, मसूर की खरीद करेंगी.
अगले 6 साल मसूर, तुअर जैसी दालों की पैदावार बढ़ाने के लिए फोकस बढ़ाया जाएगा.
मखाना पर फोकस बढ़ाते हुए सरकार ने मखाने के प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन में सुधार के लिए बिहार में मखाना बोर्ड बनाने का ऐलान किया.
कपास की पैदावार बढ़ाने के लिए 5 साल का मिशन की घोषणा की गई.