Cabel Industry Future in India: 90 के दशक और 21वीं सदी की शुरुआत में पैदा हुए लोगों को बखूबी याद होगा कि एक समय था जब घरों में केबल कनेक्शन हुआ करता था. लेकिन धीरे-धीरे टेक्नोलॉजी बदली और केबल का यह दौर आउटडेटेड हो गया. नई तकनीक के आने से देश में केबल टीवी इंडस्ट्री पिछले सात साल में भारी संकट से गुजरी है. इतना ही नहीं साल 2018 से 2025 के बीच इस सेक्टर में करीब 5.77 लाख जॉब खत्म हो चुकी हैं. केबल टीवी और उससे जुड़ी नौकरियों की जानकारी ऑल इंडिया डिजिटल केबल फेडरेशन (All India Digital Cable Federation) और EY इंडिया की ‘स्टेट ऑफ केबल टीवी डिस्ट्रीब्यूशन इन इंडिया’ (State of Cable TV Distribution in India) रिपोर्ट में सामने आई है.
12 साल में घटकर आधा रह जाएगा यूजर बेस
रिपोर्ट के अनुसार साल 2018 में 15.1 करोड़ घरों में पे-टीवी था. यह साल 2024 तक घटकर 11.1 करोड़ रह गया. पे टीवी के तहत यूजर एक तय रिचार्ज कराकर अलग-अलग चैनल का सब्सक्रिप्शन लेता है. रिपोर्ट में यह भी अनुमान जताया गया कि साल 2030 तक यह संख्या घटकर 7.1 से 8.1 करोड़ यूजर्स के बीच रह जाएगी. इसका मतलब यह हुआ कि 2018 के मुकाबले 2030 तक यूजर बेस घटकर आधा रह सकता है. कस्टमर बेस में चार करोड़ की कमी होने का कारण चैनल्स की बढ़ती कीमत, OTT प्लेटफॉर्म का पसंद किया जाना और फ्री डिश जैसे ऑप्शन हैं. लोग अब चैनल्स की बजाय नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम जैसे OTT पर ज्यादा समय बिता रहे हैं.
Ebitda में 1300 करोड़ रुपये की कमी आई
इसका असर यह हो रहा है कि केबल टीवी इंडस्ट्री को इकोनॉमिक लॉस हुआ है. चार प्रमुख डायरेक्ट-टू-होम (DTH) और 10 बड़े मल्टी-सिस्टम ऑपरेटर्स (MSO) की कुल कमाई साल 2019 में 25,700 करोड़ रुपये थी, जो कि 2024 में घटकर 21,500 करोड़ रुपये रह गई. यानी इसमें 16 प्रतिशत की गिरावट आई. इस दौरान उनका मुनाफा मार्जिन (Ebitda) 4,400 करोड़ से 29 प्रतिशत घटकर 3,100 करोड़ रुपये रह गई.
लोकल केबल ऑपरेटर्स पर सबसे ज्यादा असर
मार्केट के इस बदलते ट्रेंड से लोकल केबल ऑपरेटर्स (LCO) सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के 28,000 से ज्यादा लोकल केबल ऑपरेटर (LCO) से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर उनके कर्मचारियों की संख्या 31 प्रतिशत तक कम हो गई है. देशभर में LCO से जुड़ी करीब दो लाख नौकरियां खत्म हुईं हैं. इसके अलावा 2018 से अब तक 900 एमएसओ (MSO) और 72000 एलसीओ (LCO) बंद हो चुके हैं. इन सभी से कुल 5.77 लाख नौकरियों पर असर पड़ा है.
तमाम चुनौतियों के बावजूद इंडस्ट्री से जुड़े लोगों की उम्मीद बरकरार है. देश के करीब 10 करोड़ घरों में अभी भी केबल या सैटेलाइट टीवी नहीं हैं. सस्ते प्लान और किफायती सेट-टॉप बॉक्स से यह कमी पूरी की जा सकती है.