CNG Price: सरकार ने इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (IGL), महानगर गैस लिमिटेड (MGL) और अडानी टोटल गैस लिमिटेड (AGL) जैसे गैस डिस्ट्रीब्यूटर को कम लागत वाली सरकारी मूल्य व्यवस्था वाली गैस सप्लाई में 20 प्रतिशत तक कटौती की है. इस कमी की भरपाई ज्यादा महंगे ईंधन से की गई है. तीनों शहरी खुदरा विक्रेताओं की तरफ से शेयर बाजार को दी गई जानकारी में कहा गया कि गैस सप्लाई के लिए पब्लिक सेक्टर की नोडल एजेंसी गेल (इंडिया) लिमिटेड ने पुराने सेक्टर से गैस सप्लाई में कटौती की जानकारी दी है. इसे एपीएम वाली गैस कहा जाता है क्योंकि इसके दाम के बारे में समय-समय पर सरकार फैसला करती है.
9 से 10 प्रतिशत सालाना की दर से गिर रहा प्रोडक्शन
एपीएम गैस की मौजूदा कीमत 6.75 प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (यूनिट) है. इसका प्रोडक्शन नौ से 10 प्रतिशत सालाना की दर से गिर रहा है. ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) प्रोडक्शन को बनाये रखने के लिए ज्यादा कुओं की खुदाई में निवेश कर रही है. लेकिन इससे लागत बढ़ रही है और इसका असर ऊंची कीमत के रूप में दिख रहा है. ऐसी गैस को नए कुओं से उत्पादित गैस कहा जाता है और इसकी कीमत करीब 8 डॉलर प्रति यूनिट होती है. पिछले एक साल में शहर के गैस रिटेल सेलर को एपीएम गैस की सप्लाई में करीब 50 प्रतिशत की कटौती की गई है.
APM गैस कुल शहरी जरूरत को 34% पूरा करेगी
ताजा कटौती के साथ एपीएम गैस अब कुल शहरी जरूरत का करीब 34 प्रतिशत पूरा करेगी, जो कि पहले 51 प्रतिशत था. राजधानी और आसपास के शहरों में वाहनों को सीएनजी और घरों में पाइप के जरिये खाना पकाने की गैस की रिटेल बिक्री करने वाली कंपनी आईजीएल ने शेयर बाजार को दी जानकारी में कहा कि उसे पाइप के जरिये खाना पकाने की गैस की सप्लाई करने और सरकार की तरफ से तय मूल्य (मौजूदा समय में 6.75 डॉलर प्रति यूनिट) पर सीएनजी बिक्री के लिए घरेलू गैस मिलती है.
कल से कंपनी के घरेलू आवंटन में कमी आई
आईजीएल ने कहा, ‘गेल (इंडिया) लिमिटेड से जानकारी मिली है कि 16 अप्रैल 2025 से कंपनी को घरेलू गैस आवंटन में कमी आएगी. कंपनी को संशोधित घरेलू गैस आवंटन पिछले आवंटन से करीब 20 प्रतिशत कम है.’ कंपनी ने कहा कि उसे सप्लाई में कमी के एवज में नये कुओं से एक्सट्रा 125 प्रतिशत गैस आवंटित की गई है. इससे कंपनी के प्रॉफिट पर असर पड़ने की आशंका है. कंपनी ने कहा, ‘एपीएम मात्रा में कमी की भरपाई के लिए नये कुओं का इस्तेमाल किया जा रहा है. इससे मुनाफे पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. हालांकि, कंपनी इस प्रभाव को कम करने के लिए सभी उपायों पर विचार कर रही है.’
कीमत में आएगी तेजी?
सरकारी मूल्य व्यवस्था वाली गैस सप्लाई में 20 प्रतिशत तक कटौती की गई है. इसका असर यह हुआ कि कंपनियों को अब 51 प्रतिशत की बजाय 34 प्रतिशत गैस की सप्लाई होगी. सस्ती गैस की सप्लाई कम होने से कंपनियों के मुनाफे पर असर पड़ेगा. इस असर को कम करने के लिए आईजीएल, एमजीएल और एजीएल की तरफ से सीएनजी की कीमत में इजाफा किये जाने की उम्मीद है.