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कितनी सेफ है आपकी अगली फ्लाइट...Air India हादसे के बाद DCGA का बड़ा एक्शन, एयरलाइंस को पास करना होगा ये टेस्ट!

  12 जून को अहमदाबाद में हुए विमान हादसे के बाद एविएशन सेक्टर में बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं. विमानों की सुरक्षा को लेकर व्यापक कदम उठाए जा रहे हैं. फ्लाइट सेफ्टी को लेकर नियमों में बदलाव हो रहे हैं. एयरलाइंस के विमानों की गहन जांच हो रही है.

 कितनी सेफ है आपकी अगली फ्लाइट...Air India हादसे के बाद DCGA का बड़ा एक्शन, एयरलाइंस को पास करना होगा ये टेस्ट!
Bavita Jha |Updated: Jun 23, 2025, 07:00 AM IST
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DGCA:  12 जून को अहमदाबाद में हुए विमान हादसे के बाद एविएशन सेक्टर में बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं. विमानों की सुरक्षा को लेकर व्यापक कदम उठाए जा रहे हैं. फ्लाइट सेफ्टी को लेकर नियमों में बदलाव हो रहे हैं. एयरलाइंस के विमानों की गहन जांच हो रही है. अब विमानों की सुरक्षा को लेकर डीजीसीए ने नया सेफ्टी ऑडिट फ्रेमवर्क तैयार किया है.  

डीजीसीए का नया सेफ्टी फ्रेमवर्क  
 

नागर विमानन निदेशालय (डीजीसीए) ने रविवार को भारतीय एविएशन सेक्टर की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए नया कॉम्प्रिहेंसिव स्पेशल ऑडिट फ्रेमवर्क जारी किया है.  यह ऑडिट गुजरात के अहमदाबाद में हाल ही में हुई एयर इंडिया दुर्घटना के बाद विमानन सुरक्षा मानकों की बढ़ती जांच के बीच लॉन्च किया गया है.  इस फ्रेम वर्क का मकसद डेटा-संचालित, जोखिम-आधारित और वैश्विक रूप से संरेखित दृष्टिकोण के माध्यम से देश के एविएशन सेफ्टी सिस्टम में सुधार करना है.  

इस ऑडिट में एविएशन सेक्टर की विभिन्न इकाइयों को शामिल किया गया, जिनमें शेड्यूल और नॉन-शेड्यूल एयरलाइंस, रखरखाव मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) संगठन, उड़ान प्रशिक्षण संगठन (एफटीओ), एयर नेविगेशन सर्विस प्रोवाइडर्स (एएनएसपी) और ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसियां ​​(जीएचए) आदि शामिल हैं. इस सेफ्टी ऑडिट फ्रेमवर्क के प्राइमरी फोकस क्षेत्रों में सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम (एसएमएस), परिचालन दक्षता, नियामक ढांचे का पालन, और चालक दल और संसाधन प्रबंधन प्रोटोकॉल शामिल हैं.  

कैसे होगा ऑडिट  

यह ऑडिट वरिष्ठ डीजीसीए अधिकारियों के नेतृत्व में बहु-विषयक टीमों द्वारा किए जाएंगे और फ्लाइट स्टैंडर्ड, एयर सेफ्टी और लाइसेंसिंग जैसे निदेशालयों के विशेषज्ञों द्वारा समर्थित होंगे. अनुपालन और सेफ्टी कल्चर का आकलन करने के लिए दस्तावेज समीक्षा, निरीक्षण, साक्षात्कार और डेटा विश्लेषण सहित कई तरीकों का इस्तेमाल किया जाएगा. ऑडिट सुरक्षा घटनाओं, गैर-अनुपालन या जोखिम प्रोफाइल के आधार पर सक्रिय रूप से शेड्यूल किए जा सकते हैं.  

गलती मिली तो कैंसिल होगा लाइसेंस  

ऑडिट के निष्कर्षों को निर्दिष्ट समयसीमा के भीतर सुधारात्मक कार्रवाई की आवश्यकता वाले स्तरों में वर्गीकृत किया जाएगा.  इसके मुताबिक, एयरलाइन पर चेतावनी से लेकर लाइसेंस निलंबन तक की कार्रवाई हो सकती है. खुली रिपोर्टिंग को प्रोत्साहित करने और एक मजबूत सेफ्टी कल्चर को बढ़ावा देने के लिए गोपनीयता बनाए रखी जाएगी. संस्थाएं स्थापित नियामक प्रक्रियाओं के अनुसार निष्कर्षों की अपील कर सकती हैं. इस दूरदर्शी, डेटा-संचालित और सहयोगी ऑडिट मॉडल के जरिए डीजीसीए विमानन सुरक्षा निरीक्षण में वैश्विक मानक स्थापित करना चाहता है और नागरिक विमानन सुरक्षा और स्थिरता में भारत के निरंतर नेतृत्व को सुनिश्चित करना चाहता है. आईएएनएस

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