Digital Payment: जेब में बटुआ, पर्स में क्रेडिट-डेबिट कार्ट, एटीएम के बाहर कैश निकालने के लिए लोगों की लंबी कतार....ये वो दौड़ था जब लेनदेन के लिए नोटों का चलन चरम पर था. नोटबंदी के बाद ये आदत ऐसी बदली कि अब अगर आपके जेब में पर्स न भी हो, एटीएम कार्ड घर पर ही भूल गए हो, तो भी आप आराम से शॉपिंग कर सकेंगे, खाना-पीना खा सकेंगे. बिना किसी टेंशन के सारा पेमेंट आपको मोबाइल फोन से रहो जाएगा. जी वहीं मोबाइल फोन, जो पहले सिर्फ बात करने के लिए इस्तेमाल होता था . अब वो ट्रांजैक्शन का सबसे बड़ा साथी बन गया है. आंकड़े भी इसी की गवाही देते हैं.
बढ़ रहा डिजिटल पेमेंट का क्रेज
डिजिटल पेमेंट का क्रेज बढ़ता जा रहा है. लोगों को ऑनलाइन पेमेंट पसंद आने लगा है, यूपीआई पेमेंट खूब हो रहे हैं. सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो यूपीआई ट्रांजैक्शन में 42 प्रतिशत का ग्रोथ आया है, 2024 की दूसरी छमाही में मोबाइल पेमेंट 88.5 बिलियन के पार पहुंच गया. 2024 की दूसरी छमाही में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) ट्रांजैक्शन में सालाना आधार पर 42 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो बढ़कर कुल 93.23 बिलियन लेनदेन तक पहुंच गई.
क्या कहती है रिपोर्ट
फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइडर, वर्ल्डलाइन की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम में तेजी से विकास जारी है, इसी के साथ पिछले साल की दूसरी छमाही में मील के पत्थर हासिल किए गए. यूपीआई ट्रांजैक्शन के कुल मूल्य में भी शानदार वृद्धि देखी गई, जो 31 प्रतिशत बढ़कर 130.19 ट्रिलियन रुपये हो गई.
मोबाइल पेमेंट में छलांग
मोबाइल पेमेंट में भी बड़ी वृद्धि देखी गई है, इसी अवधि में मोबाइल ट्रांजैक्शन की संख्या 88.54 बिलियन तक पहुंच गई, जो कि 41 प्रतिशत की सालाना वृद्धि को दर्शाता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह उछाल ग्राहकों में मोबाइल-फर्स्ट फाइनेंशियल सॉल्यूशन को लेकर बढ़ती प्राथमिकता को दर्शाता है, जो मोबाइल वॉलेट और ऐप्स की सहज सुविधा और पहुंच की वजह से संभव हो पाया.
तेजी की वजह
इस वृद्धि का अहम कारक यूपीआई क्यूआर कोड को अपनाने को लेकर विस्तार रहा, जिसमें 126 प्रतिशत का जबरदस्त उछाल देखा गया. यह देश भर में अब 633.44 मिलियन क्यूआर कोड तक पहुंच गया है.इस विकास ने व्यापारियों के लिए डिजिटल भुगतान को मजबूत किया है, जिससे अधिक छोटे व्यवसाय और स्थानीय दुकानें कैशलेस ट्रांजैक्शन को अपनाने में सक्षम हुई हैं.
जमकर खर्च कर रहे लोग
इसके अलावा, रिपोर्ट में उपभोक्ताओं द्वारा खर्च को लेकर प्राथमिकता पर भी जानकारी दी गई है. क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन को लेकर 36 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, जो उपभोक्ताओं की हाई-वैल्यू खरीदारी में उनकी बढ़ती भूमिका को दर्शाता है.प्रीपेड कार्ड का उपयोग भी 35 प्रतिशत बढ़ा, जो लचीले भुगतान विकल्पों में वृद्धि को दर्शाता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि फास्टैग जैसे इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिसमें 103 मिलियन से अधिक टैग जारी किए गए. आईएएनएस