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Portable Water Bottle Rules: बोतल का पैक्‍ड पानी पीने वालों के ल‍िए बड़ी खबर, सरकार ने बदला न‍ियम; इस द‍िन से होगा लागू

Bureau of Indian Standards: गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों के तहत दो वस्तुओं का उत्पादन, बिक्री/व्यापार, आयात और स्टॉक तब तक नहीं किया जा सकेगा जब तक उन पर बीआईएस का च‍िन्‍ह न हो. बीआईएस अधिनियम, 2016 के अनुसार गैर-बीआईएस प्रमाणित उत्पादों का निर्माण, भंडारण और बिक्री प्रतिबंधित है. 

Portable Water Bottle Rules: बोतल का पैक्‍ड पानी पीने वालों के ल‍िए बड़ी खबर, सरकार ने बदला न‍ियम; इस द‍िन से होगा लागू
Kriyanshu Saraswat|Updated: Jul 12, 2023, 08:05 AM IST
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Portable Water Bottle: अगर आप भी पानी की पैक्‍ड बोलत का पानी पीते हैं तो यह खबर आपके काम की है. सरकार ने घटिया वस्तुओं के आयात को रोकने के ल‍िए गुणवत्‍ता मानक लागू क‍िये हैं. इससे घट‍िया चीजों के इम्‍पोर्ट पर रोक लगाने के साथ ही देश में बेहतर क्‍वाल‍िटी वाली चीजों के न‍िर्माण को बढ़ावा द‍िया जाएगा. इसी मकसद से पीने के पानी की बोतलों और लौ पैदा करने वाले लाइटर के लिए जरूरी गुणवत्ता मानदंड जारी किए गए हैं. इस संबंध में उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने 5 जुलाई को एक नोट‍िफ‍िकेशन अधिसूचना जारी की थी. 

पहली बार में 2 साल की कैद या 2 लाख जुर्माना

गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों (QCO) के तहत दो वस्तुओं का उत्पादन, बिक्री/व्यापार, आयात और स्टॉक तब तक नहीं किया जा सकेगा जब तक उन पर बीआईएस (BIS) का च‍िन्‍ह न हो. बीआईएस अधिनियम, 2016 के अनुसार गैर-बीआईएस प्रमाणित उत्पादों का निर्माण, भंडारण और बिक्री प्रतिबंधित है. बीआईएस अधिनियम के प्रावधान का उल्लंघन करने पर पहली बार अपराध की स्थिति 2 साल तक कैद या 2 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है.

छह महीने बाद प्रभावी होंगे न‍ियम
दूसरे अपराध और उसके बाद के अपराध के मामले में, जुर्माना बढ़कर न्यूनतम 5 लाख रुपये और अधिकतम माल या वस्तुओं के मूल्य के 10 गुना तक हो सकता है. डीपीआईआईटी ने कहा, ‘गुणवत्ता नियंत्रण आदेश को लेकर जारी अधिसूचना की तारीख से छह महीने बाद प्रभावी होंगे. इस कदम का लक्ष्य भारत में गुणवत्ता परिवेश को मजबूत करना और सार्वजनिक स्वास्थ्य और उपभोक्ताओं की सुरक्षा को बढ़ाना है.’

इससे पहले सरकार ने 20 रुपये से कम कीमत वाले सिगरेट लाइटर के आयात पर भी प्रतिबंध लगा दिया. इनमें से ज्यादातर लाइटर की कीमत 5 रुपये प्रति इकाई से कम है. सरकार की तरफ से यह कदम क्‍वाल‍िटी को मेंटेन करने के मकसद से उठाया गया है.

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