trendingNow12347655
Hindi News >>बिजनेस
Advertisement

प्याज और टमाटर महंगे होने की ये है असली वजह, इकोनॉमिक सर्वे में हुआ खुलासा

Economic Survey 2024: केंद्र सरकार की ओर से पेश आर्थिक सर्वेक्षण 2023-2024 में प्याज और टमाटर के महंगे होने की भी चर्चा की गई है.  

प्याज और टमाटर महंगे होने की ये है असली वजह, इकोनॉमिक सर्वे में हुआ खुलासा
Sudeep Kumar|Updated: Jul 22, 2024, 04:01 PM IST
Share

Why onion prices increased: केंद्र सरकार की ओर से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण 2023-2024 पेश किया. इस सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आर्थिक प्रदर्शन का विस्तार से विश्लेषण दिया गया है. सर्वे के मुताबिक, देश की अर्थव्यवस्था का विस्तार जारी है. वित्त वर्ष 2024 में वास्तविक रूप से जीडीपी 8.2 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है. इस सर्वे में प्याज और टमाटर के महंगे होने की भी चर्चा की गई है.

खाद्य पदार्थों की बढ़ी हैं कीमतें

सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 में कहा गया है कि खराब मौसम, पानी का कम स्तर और फसल क्षति ने कृषि उत्पादन को प्रभावित किया है. जिससे पिछले दो वर्षों में खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ी हैं.

फसल के अनुकूल मौसम नहीं होने की वजह से सब्जियों और दालों की उत्पादन को भी प्रभावित किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (CFPI) पर आधारित खाद्य मुद्रास्फीति 3.8 प्रति से बढ़ी है. वित्त वर्ष 2012 में प्रतिशत से वित्त वर्ष 2013 में 6.6 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2014 में 7.5 प्रतिशत तक बढ़ी थी.

पिछले दो वर्षों में खाद्य महंगाई एक वैश्विक घटना रही है. सरकार का कहना है कि जलवायु परिवर्तन, भयानक गर्मी, असामान्य मानसून, बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि, मूसलाधार बारिश और सूखा भी इसका प्रमुख कारण है.

प्याज और टमाटर की कीमतें बढ़ने की बजहें

आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, जुलाई 2023 में मौसमी बदलावों, फसल में कई तरह के रोग जैसे सफेद मक्खी के संक्रमण ने भी कृषि उत्पादन को प्रभावित किया है. वहीं, देश के उत्तरी भाग में मानसूनी बारिश के जल्दी आगमन और अलग-अलग क्षेत्रों में उत्पादन संबंधी व्यवधानों के कारण टमाटर की कीमतें बढ़ीं हैं.

प्याज की बढ़ी हुई कीमतों पर सरकार ने कहा है कि प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी कई कारकों के कारण हुई है, जिनमें पिछले फसल सत्र के दौरान बारिश के कारण रबी प्याज की गुणवत्ता प्रभावित होने, खरीफ प्याज की बुवाई में देरी, खरीफ उत्पादन पर लंबे समय तक सूखे के प्रभाव और अन्य देशों द्वारा व्यापार संबंधी उपाय हैं.

Read More
{}{}