US Tariff Issue: अमेरिका की तरफ से 50 प्रतिशत अमेरिकी टैरिफ के ऐलान को लेकर अर्थशास्त्रियों ने कहा कि देश काफी हद तक घरेलू लेवल पर संचालित इकोनॉमी है. हमने अतीत में कई तूफान का सामना किया है. इसलिए हमें पूरा विश्वास है कि इससे कुछ नुकसान होंगे, लेकिन हम इस झटके को आत्मविश्वास से झेलने में सक्षम होंगे. इन्फोमेरिक्स रेटिंग्स के चीफ इकोनॉमिक्स डॉ. मनोरंजन शर्मा ने कहा, 'अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत तक का एडिशनल टैरिफ लगाया है, जिससे कुल टैरिफ लेवल 50 प्रतिशत हो गया है. इससे ड्रग्स और फार्मास्यूटिकल्स, कपड़ा, इलेक्ट्रिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स, रत्न और ज्वैलरी जैसे सेक्टर पर गंभीर असर पड़ेगा.
भारत काफी हद तक घरेलू लेवल पर संचालित इकोनॉमी
इसलिए, यह निश्चित रूप से भारत में हमारे लिए चिंतित होने का एक कारण है. हालांकि, यह याद रखना जरूरी है कि चीन के उलट भारत काफी हद तक घरेलू लेवल पर संचालित इकोनॉमी है.' उन्होंने कहा कि हमने अतीत में कई तूफान का सामना किया है, जैसे अक्टूबर 2008 का ग्लोबल फाइनेंशियल संकट या यहां तक कि कोरोना. इसलिए हमें विश्वास है कि इससे कुछ नुकसान होंगे, लेकिन हम इस झटके को अपने आत्मविश्वास के दम पर झेलने में सक्षम होंगे.
चीन और भारत दोनों का फायदा होगा
प्रधानमंत्री मोदी की चीन यात्रा को लेकर उन्होंने कहा, 'लंबे समय से भारत और चीन के बीच बनी दूरी अब ट्रंप के टैरिफ के बाद खत्म होती नजर आ रही है. भारत और चीन के हितों में काफी हद तक सामंजस्य बना हुआ है अगर दोनों देश एक मंच पर अपनी बात को जोरदार तरीके से उठाएं तो इसमें चीन और भारत दोनों का फायदा होगा. इस दिशा में प्रधानमंत्री मोदी की चीन यात्रा एक अच्छे संकेत के रूप में देखी जा सकती है.'
ट्रंप के आगे भारत ने झुकने से इंकार कर दिया
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि दोनों देश मिल कर टैरिफ के बाद पैदा हुई ग्लोबल चुनौतियों को लेकर एक सोचा-समझा और साझा रुख अपना सकते हैं. इकोनॉमिस्ट आकाश जिंदल ने कहा, 'अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के टैरिफ के आगे भारत ने झुकने से इंकार कर दिया है. भारत दुनिया की सभी बड़ी इकोनॉमी में तेजी से बढ़ती इकोनॉमी है. भारत उभरता हुआ सूरज है. हमें अपने डेरी किसानों और उनका उनका इंटरेस्ट प्रोटेक्ट करना है. अपने मछुआरों का इंटरेस्ट प्रोटेक्ट करना है. अमेरिका को आगे चलकर हिंदुस्तान की जरूरत पड़ेगी.'
राष्ट्रीय हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता
उन्होंने आगे कहा कि भारत ने अमेरिका का नाम लेते हुए उसे जवाब दिया है और कहा है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देगा. यह एक साहसिक कदम है. भारत का अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ उठाया कदम दुनिया में भारत के कद को बड़ा करता है. उन्होंने आगे कहा कि हम डोमेस्टिक-ड्रिवन इकोनॉमी हैं. हमें निकट भविष्य में थोड़ा-बहुत नुकसान होगा, लेकिन भारत ने दूसरे ट्रेडिंग पार्टनर्स खोज लिए हैं. यूके के साथ हम साझेदारी कर चुके हैं. भारत के वैकल्पिक खरीदार हैं.
दोनों देशों के बीच ट्रेड डील के बीच बातचीत चल रही है. ऐसे में 27 अगस्त से पहले अगर हमारे किसानों, डेयरी किसानों और मछुआरों का हितों का संरक्षण होगा तो यह ट्रेड डील होगी. भारत किसी तरह के दबाव में नहीं आएगा. प्रोफेसर नाहिद फातिमा ने कहा, 'क्योंकि अमेरिका भारत का एक बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है इसलिए 50 प्रतिशत टैरिफ का असर खासकर एक्सपोर्ट ऑरिएंटेड सेक्टर्स पर देखने को मिलेगा. इसका अल्पकालिक प्रभाव बड़ा हो सकता जीडीपी पर इसका असर पड़ सकता है.' (इनपुट IANS से)