Repo Rate Cut: 7 फरवरी को जब रिजर्व बैंक की तरफ से रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई तो इसका सबसे ज्यादा फायदा होम लोन लेने वालों को मिला. आरबीआई के इस फैसले के बाद एसबीआई और पीएनबी जैसे बैंकों ने ब्याज दर में कटौती कर दी है. हालांकि एनबीएफसी (NBFC) की तरफ से इसका फायदा ग्राहकों को अभी नहीं दिया गया. उम्मीद की जा रही है कि जून तक ईएमआई का बोझ और कम हो सकता है. अभी 6.25 प्रतिशत पर चल रहे रेपो रेट में रिजर्व बैंक की तरफ से 0.25 से लेकर 0.50 प्रतिशत की कमी की जा सकती है. आपको बता दें मई 2022 से लेकर फरवरी 2023 के बीच केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट 2.5% बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया था.
गिरकर 5.75% तक आ सकता है रेपो रेट
आरबीआई (RBI) की तरफ से इकोनॉमी को ग्रोथ देने के लिए आने वाले महीने में रेपो रेट में 25-50 बेसिस प्वाइंट (bps) की कटौती की जा सकती है. इस कटौती के बाद रेपो रेट गिरकर 5.75% तक आ सकता है. जानकारों का कहना है कि आरबीआई आगे चलकर सीमित कटौती करेगा. लेकिन बाजार में नकदी की उपलब्धता बढ़ाने के लिए और कदम उठाए जा सकते हैं. इकोनॉमिस्ट का मानना है कि आरबीआई (RBI) भारतीय रुपये में कुछ कमजोरी को सहन करने के लिए तैयार है और महंगाई का लेवल धीरे-धीरे 4% के टारगेट की तरफ बढ़ रहा है.
महंगाई और इकोनॉमिक ग्रोथ को लेकर चिंता जताई
फरवरी 2025 में हुई मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में सदस्यों ने महंगाई और इकोनॉमिक ग्रोथ को लेकर चिंता जताई थी. इसके बाद ब्याज दर में कटौती की संभावना और बढ़ गई है. रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने कहा कि दिसंबर 2024 के बाद से घरेलू अर्थव्यवस्था में बदलाव आया है. महंगाई दर में कुछ नरमी आई है. लेकिन इकोनॉमिक ग्रोथ में कमजोरी देखने को मिल रही है. ग्लोबल फाइनेंशियल मार्केट और ट्रेड पॉलिसी में अनिश्चितता के कारण भारत की इकोनॉमी पर भी असर पड़ सकता है. केंद्रीय बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि जब महंगाई दर अपने टारगेट के करीब आ रही है तो रेपो रेट में कटौती सही फैसला हो सकता है.
अब तक आरबीआई ने क्या कदम उठाए?
फरवरी 2025 में आरबीआई (RBI) ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती करके इसे 6.25% कर दिया. लेकिन स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी (SDF), मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) और बैंक रेट को 6.5% पर ही बनाए रखा. मई 2022 से फरवरी 2023 के बीच RBI ने रेपो रेट में 250 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की थी ताकि महंगाई को नियंत्रित किया जा सके. अप्रैल 2023 से अब तक रेपो रेट 6.5% पर बना रहा. इससे महंगाई को मध्यम अवधि के 4% लक्ष्य तक लाने की कोशिश की जा रही है.