Female Unemployment: घर से बाहर निकलकर काम करने के मामले में महिलाएं अब पीछे नहीं रह गई है. महिलाएं काम के मामले में अब आगे निकल रही है. सरकारी आंकड़ों की माने तो महिला बेरोजगारी दर में लगातार गिराट आई है और पिछले 6 सालों में यह गिरकर 3.2 फीसदी पर पहुंच गया है.
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि भारत में पिछले छह वर्षों में महिला बेरोजगारी दर तेजी से घटकर मात्र 3.2 प्रतिशत रह गई है. देश में महिला कार्यबल की भागीदारी में सुधार लाने के लिए मसूरी में आयोजित दो दिवसीय विचार-विमर्श में मंत्रालय की सचिव सुमिता डावरा ने कहा कि यह अधिक समावेशिता और आर्थिक सशक्तिकरण की ओर बदलाव को दर्शाता है.
डावरा ने बताया कि पिछले छह वर्षों में भारत में महिला कार्यबल भागीदारी में सकारात्मक रुझान देखा गया है, जिसमें आर्थिक भागीदारी बढ़ी है, बेरोजगारी घटी है और अधिक शिक्षित महिलाएं कार्यबल में शामिल हो रही हैं. डावरा ने कहा 15 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिलाओं के लिए श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) 2017-18 में 22.0 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 40.3 प्रतिशत हो गया है, जबकि इसी अवधि में महिलाओं के लिए श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) 23.3 प्रतिशत से बढ़कर 41.7 प्रतिशत हो गई है.
उन्होंने आगे कहा, देश में महिला बेरोजगारी दर 5.6 प्रतिशत से गिरकर 3.2 प्रतिशत रह गई है. सरकार ने विकसित भारत 2047 के तहत महिला कार्यबल भागीदारी 70 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है. इस विचार-विमर्श में उद्योग की मांग के अनुसार कौशल विकास पहलों को संरेखित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया, जिससे उच्च विकास वाले क्षेत्रों में महिलाओं की पहुंच सुनिश्चित की जा सके. इसके अतिरिक्त, कार्यस्थल सुरक्षा, न्यायसंगत नीतियों और लिंग-संवेदनशील श्रम कानूनों को मजबूत करना भी प्राथमिकता के रूप में उभरा.
वहीं, इस कार्यक्रम में अनुपालन तंत्र, जेंडर ऑडिट और पोओएसएच को लागू करने की आवश्यकता को भी जरूरी बताया गया. इसके अलावा, सरकार डिजिटल रोजगार प्लेटफार्मों का लाभ उठाने पर ध्यान केंद्रित करेगी, जो महिलाओं की डिजिटल साक्षरता को बढ़ाने में मदद करेगा. इनपुट-आईएएनएस