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1 अप्रैल से लागू होंगे UPI के नए नियम, ऐसे मोबाइल नंबर वाले यूजर्स को हो सकती है परेशानी

NPCI: नए दिशा-निर्देशों के अनुसार इनएक्टिव मोबाइल नंबर से जुड़ी यूपीआई आईडी भी इनएक्टिव हो जाएगी. अगर किसी यूपीआई यूजर का बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर लंबे समय से इनएक्टिव है तो यूजर की यूपीआई आईडी भी अनलिंक हो जाएगी.

1 अप्रैल से लागू होंगे UPI के नए नियम, ऐसे मोबाइल नंबर वाले यूजर्स को हो सकती है परेशानी
Kriyanshu Saraswat|Updated: Mar 29, 2025, 05:06 PM IST
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UPI New Rules: नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने न्यूमेरिक यूपीआई आईडी सॉल्यूशन पर हाल ही में यूपीआई नंबर से जुड़े पेमेंट के लिए कस्टमर एक्सपीरियंस बढ़ाने के मकसद से नए दिशानिर्देश जारी किए हैं. नए दिशानिर्देश 1 अप्रैल से प्रभावी होंगे. नए निर्देशों का पालन किया जाना यूपीआई मेंबर बैंक, यूपीआई ऐप्स और थर्ड पार्टी प्रोवाइडर के लिए जरूरी होगा. नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, इनएक्टिव मोबाइल नंबर से जुड़ी यूपीआई आईडी भी इनएक्टिव हो जाएगी. अगर किसी यूपीआई यूजर का बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर लंबे समय से इनएक्टिव है तो यूजर की यूपीआई आईडी भी अनलिंक हो जाएगी और यूजर यूपीआई सर्विस का यूज नहीं कर सकेगा.

90 दिन बाद नए यूजर को असाइन किया जा सकता है

ऐसे में यूपीआई सर्विस का इस्तेमाल करने वाले हर यूजर को यह सुनिश्चित करने की जरूरत होगी कि उसके बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर एक्टिव हो. सही मोबाइल नंबर के साथ बैंक रिकॉर्ड अपडेट रखे जाने पर ही यूपीआई सर्विस का बिना किसी परेशानी के इस्तेमाल किया जा सकेगा. इनएक्टिव या दोबारा असाइन किए गए मोबाइल नंबर को लेकर उनसे जुड़ी यूपीआई सर्विस को लेकर परेशानी आ सकती है. टेलीकॉम डिपार्टमेंट के नियमों के अनुसार, डिसकनेक्ट होने पर मोबाइल नंबर 90 दिन बाद एक नए यूजर को असाइन किया जा सकता है.

रिकॉर्ड्स को हर हफ्ते अपडेट करने की जरूरत
अगर किसी ग्राहक का मोबाइल नंबर कॉल, मैसेज या डेटा के साथ इस्तेमाल न किया जा रहा हो तो ऐसे नंबर को टेलीकॉम प्रोवाइडर्स डिएक्टिवेट कर देते हैं. इन नंबरों को रिसाइकल या चर्न्ड नंबर कहा जाता है. नए दिशा-निर्देशों के तहत यूजर का बैंक-वेरिफाइड मोबाइल नंबर यूजर के यूपीआई आइडेंटिटीफायर के रूप में काम करेगा. जिसके साथ यूजर अलग-अलग यूपीआई ऐप्स का इस्तेमाल कर सकता है. दूसरी ओर बैंक और यूपीआई एप्लीकेशन को भी अपने मोबाइल नंबर रिकॉर्ड्स को हर हफ्ते अपडेट करने की जरूरत होगी, जिससे रिसाइकिल या मॉडिफाइड नंबर से होने वाली गलतियों से बचा सके.

न्यूमेरिक यूपीआई आईडी असाइन करने से पहले एप्लीकेशन को यूजर्स से इजाजत लेने की जरूरत होगी. यूजर्स को इस फीचर के लिए एक्टिवली ऑप्ट इन करना होगा, यह डिफॉल्ट सेटिंग में ऑप्ट आउट है. किसी स्थिति में अगर एनपीसीआई के वेरिफिकेशन में कुछ देरी होती है तो यूपीआई एप्लिकेशन अस्थायी रूप से न्यूमेरिक यूपीआई आईडी से जुड़ी समस्याओं को इंटरनली हल कर सकते हैं. इन मामलों का डॉक्यूमेंटेशन किया जाना जरूरी होगा और निरीक्षण उद्देश्यों के तहत हर महीने एनपीसीआई को रिपोर्ट किया जाना जरूरी होगा. (IANS) 

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