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GDP Growth Rate: विकास की पटरी पर दौड़ा इकोनॉमी का इंजन, वित्त वर्ष 2021-22 में 8.7% रही भारत की जीडीपी

GDP Growth Rate: देश में जीडीपी के इंजन की रफ्तार कितनी रही, इसके आंकड़ा मंगलवार को जारी कर दिए गए. वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की जीडीपी दर 8.7 प्रतिशत रही जबकि चौथी तिमाही में विकास दर 4 प्रतिशत पर रही.

कितनी रही भारत की विकास दर
कितनी रही भारत की विकास दर
AMBARISH PANDEY|Updated: May 31, 2022, 07:11 PM IST
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GDP Growth Rate: देश में जीडीपी के इंजन की रफ्तार कितनी रही, इसके आंकड़ा मंगलवार को जारी कर दिए गए. वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की जीडीपी दर 8.7 प्रतिशत रही जबकि चौथी तिमाही में विकास दर 4 प्रतिशत पर रही. भारत सरकार के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021 के लिए 135.58 लाख करोड़ रुपये के पहले संशोधित अनुमान के मुकाबले स्थिर कीमतों पर रियल जीडीपी या जीडीपी 147.36 लाख करोड़ रुपये के स्तर को हासिल करने का अनुमान है. जबकि  2020-21 में 6.6% के संकुचन की तुलना में 2021-22 के दौरान जीडीपी 8.7% रही. 

आंकड़ों से समझें हर बात

हालांकि, जनवरी-मार्च की अवधि में वृद्धि 2021-22 की पिछली अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 5.4 प्रतिशत विस्तार की तुलना में धीमी थी. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, 2020-21 की इसी जनवरी-मार्च अवधि में जीडीपी में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. आंकड़ों में फार्म सेक्टर में शानदार ग्रोथ देखी गई. फार्म सेक्टर 2.8 प्रतिशत से बढ़कर 4.1 प्रतिशत तक पहुंच गया. जबकि माइनिंग सेक्टर में ग्रोथ -3.9 प्रतिशत से बढ़कर 6.7 प्रतिशत हो गई. एनएसओ ने अपने दूसरे शुरुआती अनुमान में 2021-22 के दौरान 8.9 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया था. चीन ने साल 2022 के पहले तीन महीनों में 4.8 फीसदी की आर्थिक वृद्धि दर्ज की थी. 

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आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल महीने में कोर सेक्टर में ग्रोथ 8.4 फीसदी रही. अप्रैल 2022 में कोयला, सीमेंट, प्राकृतिक गैस उद्योगों, उर्वरक, रिफाइनरी, बिजली का उत्पादन पिछले साल की इसी अवधि के दौरान बढ़ा है. कोर सेक्टर में 8 अहम क्षेत्र हैं, जिसमें रिफाइनरी उत्पाद, इस्पात, कच्चा तेल, कोयला, उर्वरक, सीमेंट, बिजली, प्राकृतिक गैस शामिल हैं. 

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राजकोषीय घोटा अनुमान से कम

2021-22 के आंकड़ों के मुताबिक देश का राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) 6.9 फीसदी के संशोधित अनुमान की तुलना में 6.7 प्रतिशत रहा है. साल 2021-22 के राजकोषीय घाटा 1.587 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है. सीएजी के आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2022 में खत्म हुए वित्त वर्ष के लिए वास्तविक रूप से राजकोषीय घाटा 15,86, 537 करोड़ रुपये रहा, जो जीडीपी का 6.7 फीसदी है. 

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