George Soros: हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अदाणी ग्रुप के शेयरों में बिकवाली का तुफान आया. जिसने लाखों लोगों को नुकसान पहुंचा दिया. खुद गौतम अडानी की संपत्ति कम हुई और वे दुनिया के टॉप अमीरों की लिस्ट से बाहर हो गए. इसी मामले में अमेरिका के अरबपति और हेज फंड मैनेजर जॉर्ज सोरोस ने भारत के मामले में कुछ ऐसा कहा है. जिस बात पर विवाद छिड़ गया है. सोरोस ने 16 फरवरी 2023 को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को “संसद में विदेशी इनवेस्टर्स से उठ रहे सवालों का जवाब देना होगा.” उन्होंने यह भी कहा कि इससे भारत सरकार पर मोदी की पकड़ खासी कमजोर हो सकती है.
सोरोस बना रहे हैं शॉर्ट सेलिंग का प्लान
ऐसा माना जा रहा है कि सोरोस भारत में शॉर्ट सेलिंग की बड़ी योजना बना रहे हैं. रुपया कन्वर्टिबल नहीं है, इसलिए उन्हें शायद ही शानदार मुनाफा हो. इससे पहले उन्होंने 1998 में थाई भाट और मलेशियाई रिंगिट को शॉर्ट सेल करके खूब पैसा कमाया था, लेकिन अब उनकी नजर शेयर मार्केट पर हो सकती है. ऐसे में वे डाइरेक्ट और पोर्टफोलियो के माध्यम से विदेशी निवेशकों से बात कर सकते हैं. ऐसे में वे मोदी विरोधी लाइन को आगे बढ़ा सकते हैं. इसके लिए वे पश्चिमी मीडिया, एनजीओ, भारतीय मीडिया और थिंक टैंक को फंडिंग कर सकते है. भारत में अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में कई साजिशों की उम्मीद की जा सकती है. वहीं भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है और नरेंद्र मोदी पसंदीदा लीडर बने हुए हैं. ऐसे में सोरोस का ये दांव उल्टा भी पड़ सकता है.
सोरोस ने मोदी पर क्या बोला?
सोरोस ने भारत पर कई बार बयान दिए हैं. साल 2020 में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की बैठक में सोरोस ने कहा था कि सबसे बड़ा और भयावह झटका तो भारत में लगा है, जहां नरेंद्र मोदी लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित होकर हिंदू राष्ट्रवादी सरकार का निर्माण कर रहे हैं. मुस्लिम क्षेत्र कश्मीर में दंडात्मक कदम उठा रहे हैं और लाखों मुसलमानों की नागरिकता खत्म करने की धमकी दी जा रही है.
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