Anil Ambani Business Plan: कहते हैं 'हर अंधेरी रात के बाद नई सुबह होती है...'. कोविड के दौरान शुरू हुआ अनिल अंबानी का बुरा दौर धीरे-धीरे खत्म हो रहा है. उनका कारोबार फिर से दौड़ने लगा है. इसके लिए उनका पूरा परिवार छोटे अंबानी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है. उनकी कंपनियों की बैलेंस शीट में सुधार होने से उनके परिवार में फिर से खुशियां लौटने लगी हैं. अंबानी की कंपनी रिलायंस पावर को देश ही नहीं विदेश में भी कॉन्ट्रैक्ट मिल रहे हैं. कंपनियों के कर्ज को बोझ कम करने के लिए उन्होंने 17600 करोड़ रुपये लगाए हैं. रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रा के कर्ज मुक्त होने का असर दोनों कंपनियों के शेयर पर देखा जा रहा है.
अनिल अंबानी की कंपनियों की मार्केट वैल्यू बढ़ी
शेयर की कीमत बढ़ने का असर यह हो रहा है कि अनिल अंबानी की कंपनियों की मार्केट वैल्यू बढ़ रही है. लेकिन इसके बीच सवाल यह है कि अनिल अंबानी ने कर्ज का बोझ कम करने के लिए 17,600 करोड़ रुपये कहां से जुटाए. हुआ यूं कि जब से अनिल अंबानी के बेटे जय अनमोल अंबानी ने उनके कारोबार की जिम्मेदारी संभालना शुरू किया है. तब से ही उनके कारोबार की दशा बदलने लगी है. इसमें अनमोल अंबानी का सबसे बड़ा कदम रहा रिलायंस कैपिटल में जापान की कंपनी निप्पॉन का निवेश कराना. इस डील के बाद रिलायंस अनिल धीरू भाई अंबानी (Reliance ADAG) ग्रुप के लोन में कमी आने लगी.
कहां से आई 17600 करोड़ की भारी-भरकम रकम
अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप की दो कंपनियां रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रा अपने बुरे दौर से गुजरने के बाद अब ग्रोथ कर रही हैं. इसके अलावा उनकी ज्यादातर कंपनियों कर्ज के बोझ के तले दबती चली गईं. दोनों ही कंपनियों और उनकी सब्सिडियरी ने सितंबर 2024 से कर्ज घटाने का सिलसिला शुरू किया. कर्ज घटाने के सिलसिले के तहत उन्होंने लोन का री-पेमेंट करना शुरू कर दिया. इसके लिए अनिल अंबानी ने विदेशी कन्वर्टिबल करेंसी बॉन्ड (FCCB) और प्रिफरेंशियल इश्यू से फंड का बंदोबस्त शुरू किया.
ऐसे हुआ 17600 करोड़ रुपये का जुगाड़
दोनों कंपनियों ने 4500 करोड़ रुपये के प्रिफरेंशियल इक्विटी इश्यू जारी किये. इसके अलावा उन्होंने करीब 7100 करोड़ रुपये की रकम को वरदे पार्टनर्स से जुटाया. रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रा दोनों ही कंपनियों ने तीन-तीन हजार करोड़ रुपये क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) के जरिये जुटाए. इस तरह अलग-अलग माध्यमों से 17,600 करोड़ रुपये जुटाकर अनिल अंबानी की कंपनियों ने बाजार में कम बैक किया है. हाल ही में रिलायंस ग्रुप की तरफ से रिलायंस इंफ्रा के लिए बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट से लिये गए 3300 करोड़ रुपये का लोन 2025 में पूरी तरह चुकाने का अपडेट दिया है. इसके साथ ही कंपनी ने 4,387 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया है.
कंपनियों के शेयर में तेजी
रिलायंस इंफ्रा का शेयर गुरुवार के कारोबारी सत्र में चढ़कर 321 रुपये तक पहुंच गया. करीब एक साल पहले 5 जून 2024 को यह शेयर 143.70 रुपये का था. यानी एक साल के अंदर शेयर दोगुने के भी पार चला गया है. शेयर का 52 हफ्ते का हाई लेवल 350.90 रुपये है. इसके साथ ही कंपनी का मार्केट कैप बढ़कर 12,464 करोड़ रुपये हो गया. दूसरी तरफ रिलायंस पावर का मार्केट कैप 20,860 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. रिलायंस पावर का शेयर गुरुवार को 53.13 रुपये के लेवल पर पहुंच गया. इसका 52 हफ्ते का लो लेवल 23.26 रुपये है. साल 2019 में एक समय ऐसा था जब इस कंपनी का शेयर गिरकर 1 रुपये के करीब पहुंच गया था.