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अनिल अंबानी के लिए गुड न्यूज, रिलायंस इंफ्रा की क्रेडिट रेटिंग में जबरदस्त उछाल; अब बड़े कमबैक की तैयारी!

अनिल अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने कंपनी की क्रेडिट रेटिंग को 'IND D' से बढ़ाकर 'IND B/Stable/IND A4' कर दिया है. 

अनिल अंबानी के लिए गुड न्यूज, रिलायंस इंफ्रा की क्रेडिट रेटिंग में जबरदस्त उछाल; अब बड़े कमबैक की तैयारी!
Shivendra Singh|Updated: Jul 12, 2025, 12:04 AM IST
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अनिल अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने कंपनी की क्रेडिट रेटिंग को 'IND D' से बढ़ाकर 'IND B/Stable/IND A4' कर दिया है. यह छह साल के लंबे डिफॉल्ट स्टेट्स से बाहर आने का संकेत है और कंपनी के फाइनेंशियल हेल्थ में हुए फंडामेंटल सुधार को दर्शाता है.

कंपनी की यह रेटिंग उसके ₹1,860.23 करोड़ के नॉन-फंड बेस्ड वर्किंग कैपिटल लिमिट्स पर लागू होती है. यह बदलाव रिलायंस इंफ्रा के लोन घटाने और फाइनेंशियल रिस्ट्रक्चरिंग प्रयासों की सफलता का परिणाम है. इसके अलावा, कुछ प्रस्तावित फंड-बेस्ड लिमिट्स पर मूल्यांकन को वापस ले लिया गया है, जिससे कंपनी की फाइनेंशियल स्ट्रैटेजी की स्पष्टता सामने आती है.

₹3,010 करोड़ के वारंट और जीरो डेट की दिशा में कदम
2024 में कंपनी ने ₹3,010 करोड़ के वारंट जारी किए थे, साथ ही विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांड (FCCBs) और इक्विटी प्लेसमेंट के माध्यम से और कैपिटल जुटाने की प्लानिंग बनाई गई थी. इस कैपिटल फ्लो  ने कंपनी को अपनी देनदारियां चुकाने और बैंकों व फाइनेंशियल संस्थानों के साथ नेट जीरो डेट की स्थिति हासिल करने में मदद की. मार्च 2025 तक, रिलायंस इंफ्रा का स्टैंडअलोन कर्ज घटकर ₹470 करोड़ रह गया, जो कि एक साल पहले ₹3,060 करोड़ था. यह तेजी से घटता लोन भार कंपनी के मजबूत होते फाइनेंशियल आधार को दर्शाता है.

समय पर ईएमआई चुकाने और सब्सिडियरी विवाद सुलझाने में मिली सफलता
कंपनी ने लगातार तीन महीनों (अप्रैल-जून 2025) तक अपने लोन दायित्वों का समय पर भुगतान किया है. साथ ही, अपनी सब्सिडियरी कंपनियों के कर्जदाताओं के साथ वन-टाइम सेटलमेंट समझौते कर, गारंटीशुदा कर्ज विवादों को भी सुलझा लिया है. इससे कंपनी की फाइनेंशियल विश्वसनीयता और लचीलापन मजबूत हुआ है.

चुनौतियां बरकरार, लेकिन रणनीतिक फोकस से मिलेगी मजबूती
हालांकि, इंडिया रेटिंग्स ने आगाह किया है कि अभी भी कंपनी की फाइनेंशियल जोखिम प्रोफाइल कमजोर है और उसे अर्बिट्रेशन मामलों व अनिश्चित देनदारियों का सामना करना पड़ सकता है. लेकिन कंपनी द्वारा उठाए गए रणनीतिक कदम इन जोखिमों को सीमित करने की दिशा में स्पष्ट संकेत दे रहे हैं.

FY26 में इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन से नई उम्मीद
रेटिंग एजेंसी ने कंपनी के इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन (E&C) बिजनेस में संभावित सुधार की ओर भी इशारा किया है. कंपनी की इस क्षेत्र में मजबूत पकड़ और नए ऑर्डर फ्लो की उम्मीदों ने FY26 में अच्छे प्रदर्शन की नींव रखी है.

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