New Income Tax Bill 2025: संसद के उच्च सदन यानी राज्य सभा ने गुरुवार को वित्त विधेयक 2025 को चर्चा के बाद लोकसभा को लौटा दिया है. यानी राज्यसभा ने भी वित्त विधेयक 2025 को मंजूरी दे दी है. वित्त विधेयक की वापसी बजट प्रक्रिया के पूरा होने का प्रतीक है.
यह प्रक्रिया 1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश किए जाने के बाद शुरू हुई थी. उच्च सदन ने विनियोग विधेयक (3) को भी ध्वनिमत से लोकसभा को लौटा दिया. संसद के निचले सदन लोकसभा ने 25 मार्च को वित्त विधेयक और 21 मार्च को विनियोग विधेयक पारित किया था.
यह विधेयक 1 अप्रैल 2026 से लागू होने जा रहा है. यानी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को आगामी वित्तीय वर्ष से नई कानूनी शक्ति मिलने जा रही है. आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 132 के तहत अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को आपके सोशल मीडिया अकाउंट, ई-मेल, बैंक अकाउंट, ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट्स और ट्रेडिंग अकाउंट्स जांचने का कानूनी अधिकार मिल गया है.
क्या कुछ बदलेगा?
अगर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को शक होता है कि आपने टैक्स चोरी की है या आपके पास बेनामी संपत्ति, नकदी, सोना, आभूषण या अन्य कीमती सामान है, तो अधिकारी आपकी डिजिटल जानकारी की जांच कर सकते हैं.
पहले अधिकारी केवल घरों, तिजोरियों और लॉकरों की तलाशी ले सकते थे. लेकिन 1 अप्रैल 2026 से उनका यह अधिकार डिजिटल स्पेस तक भी बढ़ जाएगा. अब अगर टैक्स चोरी से जुड़ी जानकारी ऑनलाइन छिपाने का संदेह होता है, तो वे कंप्यूटर सिस्टम और ऑनलाइन अकाउंट्स की भी जांच कर सकेंगे.
50 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च का अनुमान
केंद्रीय बजट 2025-26 में कुल 50.65 लाख करोड़ रुपये के व्यय का अनुमान किया गया है, जो चालू वित्त वर्ष की तुलना में 7.4 प्रतिशत अधिक है. अगले वित्त वर्ष के लिए प्रस्तावित कुल पूंजीगत व्यय 11.22 लाख करोड़ रुपये और प्रभावी पूंजीगत व्यय 15.48 लाख करोड़ रुपये है. इसमें 42.70 लाख करोड़ रुपये का सकल कर राजस्व संग्रह और 14.01 लाख करोड़ रुपये की सकल उधारी का प्रस्ताव है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विधेयकों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि वित्त मंत्रालय की प्रवृत्ति सावधानी बरतने और राजस्व को नुकसान नहीं होने देने की होती है. सीतारमण ने आगे कहा, "लेकिन, हम इस अवसर का उपयोग भारतीय करदाताओं के प्रति अपना सम्मान जताने के लिए करना चाहते हैं. हमने (आयकर के लिए) 12 लाख रुपये की सीमा तय करने की दिशा में कदम बढ़ाया है, उस सीमा तक किसी को कोई कर नहीं देना होगा.