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FASTag से अब नहीं कटेगा फालतू का टोल! टोल ऑपरेटर्स पर सरकार ने कसी नकेल, गलत कटौती पर ₹1 लाख जुर्माना!

Toll Tax: आपने कई बार सुना होगा कि आपकी गाड़ी पार्किंग में खड़ी है फिर भी FASTag से पैसे कट गए.  NHAI की टोल मैनेजमेंट बॉडी IHMCL अब ऐसे मामलों में 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाती है. 

FASTag से अब नहीं कटेगा फालतू का टोल! टोल ऑपरेटर्स पर सरकार ने कसी नकेल, गलत कटौती पर ₹1 लाख जुर्माना!
Sudeep Kumar|Updated: Mar 03, 2025, 08:06 PM IST
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NHAI: आपने कई बार सुना होगा कि आपकी गाड़ी पार्किंग में खड़ी है फिर भी FASTag से पैसे कट गए. ऐसा अक्सर कई लोगों के साथ हो रहा था, लेकिन अब सरकार ने इस पर सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है. राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने गलत टोल कटौती के 250 से ज्यादा मामलों में टोल ऑपरेटर्स पर 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया है. इस कदम के बाद ऐसे मामलों में 70% की कमी आई है.

FASTag का इस्तेमाल टोल प्लाजा पर रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक से होता है, जिससे बिना रुके टोल टैक्स कट जाता है. लेकिन कई बार गलत नंबर एंट्री या सिस्टम एरर की वजह से पैसे कट जाते हैं. शिकायत दर्ज होने के बाद मामले की जांच की जाती है और अगर गलत कटौती पाई जाती है, तो पैसा वापस कर दिया जाता है.

FASTag को NHAI ने सभी वाहनों के लिए अनिवार्य कर दिया है. इसका उद्देश्य टोल प्लाजा पर भीड़ कम करना, ईंधन की बचत करना और डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देना है. FASTag से पेमेंट ऑटोमैटिक होता है और इसे मोबाइल ऐप के जरिए रिचार्ज किया जा सकता है.

हर एक गलत कटौती पर एक लाख रुपये जुर्माना

रिपोर्ट के मुताबिक, NHAI की टोल मैनेजमेंट बॉडी IHMCL अब ऐसे मामलों में 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाती है. TOI की रिपोर्ट के अनुसार, इस भारी जुर्माने के कारण ऐसी घटनाओं में 70% की कमी आई है. वर्तमान में, IHMCL को हर महीने लगभग 50 ऐसी शिकायतें मिलती हैं, जबकि राष्ट्रीय राजमार्ग टोल प्लाजा पर 30 करोड़ FASTag लेनदेन होते हैं.

क्या बोले अधिकारी?

IHMCL के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, ग्राहक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर और IHMCL को फॉर्मल कंप्लेन के माध्यम से गलत टोल कटौती की सूचना दे सकते हैं. इसके अलावा 1033 पर कॉल करके या falsededuction@ihmcl.com पर ईमेल करके शिकायत दर्ज कर सकते हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, प्रत्येक मामले की गहन जांच की जाती है. अगर ऐसी कटौती या गलत मैनुअल लेनदेन की शिकायत मिलती है, तो ग्राहक को तुरंत चार्जबैक जारी किया जाता है. वहीं, टोल ऑपरेटर पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाता है.

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