Reciprocal Tariff on India: भारत ने अमेरिका से आयात किये जाने वाले बादाम, क्रैनबेरी और दूसरे एग्रीकल्चर प्रोडक्ट पर टैरिफ में कटौती करने की पेशकश की है. रॉयटर्स की खबर के अनुसार सरकार का यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से 2 अप्रैल से प्रस्तावित 'जैसे को तैसा टैक्स' (Reciprocal Tariff) के कदम को टालने का प्रयास माना जा रहा है. आपको बता दें ट्रंप ने 2 अप्रैल से भारत की तरफ से निर्यात की जाने वाली चीजों पर ज्यादा टैरिफ लगाने की बात कही है. अब जब भारत सरकार की तरफ से टैरिफ में कमी का ऐलान किया गया है तो इसे ट्रंप को खुश करने की कोशिश माना जा रहा है.
भारत की ट्रंप प्रशासन को खुश करने की कोशिश
चीन, कनाडा और यूरोपीय संघ से अलग भारत ट्रंप प्रशासन को खुश करने की कोशिश कर रहा है. रॉयटर्स के अनुसार भारत, अमेरिका से आयात की जाने वाली 23 अरब डॉलर के कुल मूल्य में से आधे से ज्यादा पर टैरिफ कम करने के लिए तैयार है. नई दिल्ली में साउथ और मिडिल एशिया के लिए अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच के साथ हुई मीटिंग में भारत ने बोरबॉन व्हिस्की और एग्रीकल्चर प्रोडक्ट जैसे बादाम, अखरोट, क्रैनबेरी, पिस्ता और मसूर दाल पर टैरिफ कम करने पर सहमति जताई है.
आज देर रात तक सहमति बनने की उम्मीद
टैरिफ के मसले को लेकर बातचीत चल रही है और शुक्रवार देर रात तक सहमति बनने की उम्मीद है. भारतीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि व्यापार वार्ता (Trade Talks) में प्रगति देखी जा रही है. दोनों देशों (भारत और अमेरिका) को इससे फायदा मिलेगा. एक अन्य सरकारी सूत्र ने दावा किया कि भारत की तरफ से बातचीत में शामिल अधिकारियों की कोशिश अमेरिका के साथ सहमति बनाना है. भारत ने एग्रीकल्चर सेक्टर और कुछ अन्य सेक्टर्स में अमेरिका की प्रियोरिटी के हिसाब से अपना प्रस्ताव तैयार किया है.
व्हिस्की पर घटाई थी इम्पोर्ट ड्यूटी
भारतीय वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से इस पर कुछ नहीं बोला गया. नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने किसी भी तरह की जानकारी साझा करने से साफ इंकार कर दिया. भारत ने पिछले महीने बोरबॉन व्हिस्की पर आयात शुल्क को 150% से घटाकर 100% कर दिया था. एग्रीकल्चर प्रोडक्ट जैसे क्रैनबेरी, बादाम, अखरोट आदि पर 30% से 100% तक टैरिफ लगाया जाता है, मसूर दाल पर करीब 10% टैरिफ है.
भारत की कोशिश, अमेरिका को ज्यादा निर्यात करने की
डेयरी प्रोडक्ट, चावल, गेहूं और मक्का पर टैरिफ घटाने को लेकर सहमति नहीं बन पाई है. सूत्रों का दावा है भारत की कोशिश अमेरिका में अनार, अंगूर और चावल की ज्यादा से ज्यादा पहुंच बढ़ाने की है. संभावना जताई जा रही है कि बातचीत में शामिल अधिकारी ट्रेड एग्रीमेंट के पहले चरण की रूपरेखा पर सहमत हो जाएंगे, जिसका करार 2025 के अंत तक होने की उम्मीद है.
2024 में अमेरिका से भारत को कृषि और संबंधित उत्पाद का निर्यात करीब 2 अरब डॉलर था. इसमें से 452 मिलियन डॉलर के अल्कोहलिक ड्रिंक और 1.3 अरब डॉलर के फल और सब्जियां शामिल थीं. दूसरी तरफ भारत का अमेरिका को कुल निर्यात करीब 5.5 अरब डॉलर का रहा. भारत और अमेरिका के बीच चल रही इस ट्रेड टॉक से दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को मजबूती मिल सकती है.