फेस्टिव सीजन की रौनक इस बार पहले ही चढ़ सकती है. दिवाली से पहले भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) आम लोगों को एक बड़ा तोहफा देने की तैयारी में है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगस्त में होने वाली मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक में आरबीआई 25 बेसिस प्वाइंट्स (bps) की रेपो रेट कटौती कर सकता है. अगर ऐसा होता है, तो होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की ईएमआई सस्ती हो सकती है. इससे आम जनता को सीधा फायदा मिलेगा और बाजार में खपत भी तेज हो सकती है.
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि आरबीआई अगस्त की पॉलिसी में "फ्रंटलोडेड" यानी पहले से ही तय की गई कटौती की रणनीति अपना सकता है. रिपोर्ट का मानना है कि यह कदम 'अर्ली दिवाली' यानी जल्दी आर्थिक रौनक लाने में मदद करेगा, क्योंकि FY26 में त्योहारों का सीजन भी फ्रंटलोडेड यानी शुरुआत में ही है.
एसबीआई ने 2017 का उदाहरण देते हुए बताया कि अगस्त 2017 में रेपो रेट में 25 bps की कटौती के बाद दिवाली तक 1.95 लाख करोड़ रुपये की एक्स्ट्रा क्रेडिट ग्रोथ देखी गई थी. इसमें लगभग 30% हिस्सा केवल पर्सनल लोन का था. इसका सीधा अर्थ यह है कि जब भी दिवाली से पहले ब्याज दरें घटाई गई हैं, बाजार में लोन की मांग और खपत में तेजी आई है.
रिपोर्ट में क्या?
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि महंगाई फिलहाल आरबीआई के लक्ष्य बैंड में बनी हुई है, ऐसे में मॉनेटरी पॉलिसी को ज्यादा समय तक सख्त बनाए रखना आर्थिक विकास को नुकसान पहुंचा सकता है. चूंकि मॉनेटरी पॉलिसी का असर देर से होता है, इसलिए अगर आरबीआई दरें घटाने में देरी करता है, तो निवेश और खपत दोनों को नुकसान हो सकता है. एसबीआई का मानना है कि अब इंतजार करने का कोई खास फायदा नहीं है, बल्कि अब कार्रवाई का समय है. यदि आरबीआई दरें घटाता है तो इससे अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ेगी और निवेश का माहौल बेहतर होगा.