Indian Railway New Rules 2025: भारतीय रेलवे ने लोगों के लिए सफर को आसान बनाने की दिशा में काफी काम किया है . बीते दिनों रिजर्वेशन से लेकर तत्काल टिकटों की बुकिंग, रिजर्वेशन चार्ज की टाइमिंग से संबंधित कई बदलाव किए गए हैं. ट्रेन में ट्रेनों को उपलब्धता को लेकर रेलवे ने समय-समय पर सुधार किया है. ट्रेन में सीट को लेकर भी रेलवे के नियम तय है. जैसे लोअर सीट किसे मिलेगी, मिडिल सीट कब खोल सकते हैं. अपर बर्थ पर क्या जब चाहे जाकर सो सकते हैं या नहीं ? कुल मिलाकर रेलवे की नियमावली काफी लंबी चौड़ी है. बहुत से ऐसे नियम है, जिसके बारे में लोगों को पता भी नहीं होता. ऐसा ही एक नियम है ट्रेन में सीट पर सोने को लेकर.
ट्रेन की अपर सीट के लिए क्या है नियम
रेलवे ने सफर के दौरान सीटों पर सोने के नियम तय रख रखे हैं, जिसके मुताबिक यात्री रात 10 बजे से सुबह के 6 बजे तक अपनी सीट पर सो सकते हैं. यानी अगर आपकी लोअर सीट है या मिडिल सीट है या फिर अपर सीट है तो आप अपनी सीट पर आराम से सो सकते हैं. खास बात ये कि अपर बर्थ की सीट पर सोने के लिए कोई समय सीमा नहीं है. यानी अगर आपका रिजर्वेशन अपर सीट की सीट के लिए हैं तो आप दिन में भी चाहे तो अपनी सीट पर आराम कर सकते हैं. हालांकि दिन में आप लोअर सीट पर भी बैठ सकते हैं, लेकिन रात के 10 बजे से लेकर सुबह के 6 बजे तक आपको नीचे की सीट छोड़नी होगी.
मिडिल बर्थ सीट पर सोने का नियम
ट्रेन के अपर बर्थ पर आप दिन में भी सो सकते हैं, लेकिन इसका मतलह ये नहीं है कि आप दूसरे यात्रियों को परेशान करें. अगर आपका रिजर्वेशन मिडिल बर्थ के लिए है तो आपको सख्ती के साथ रेलवे के नियम का पालन करना होगा. यानी आप अपनी सीट को केवल रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ही खोलकर सो सकते हैं. दिन के समय मिडल बर्थ को ऊपर फोल्ड करना जरूरी है. हालांकि आपसी सहमति से आप समय सीमा को आगे पीछे कर सकते हैं, लेकिन यहां लोअर सीट पर बैठे यात्री की सहमति जरूरी है.