How To Become Crorepati: जीवन में पैसा सब कुछ तो नहीं लेकिन काफी कुछ जरूर है. इसके बिना जीवन का गुजारा करना बेहद मुश्किल है. दुनिया का शायद ही कोई व्यक्ति होगा, जो ढेर सारा पैसा कमाकर धनवान नहीं बनना चाहेगा. लेकिन हर किसी के लिए ऐसा संभव नहीं होता. बहुत सारे लोग दिन-रात कठोर मेहनत करके भी अभावों की जिंदगी जीने पर मजबूर होते हैं. वहीं कुछ लोग अपनी मेहनत और स्मार्ट इन्वेस्टमेंट की वजह से थोड़े ही समय में अमीरी में खेलने लगते हैं. आज हम आपको 8-4-3 के ऐसे ही शानदार फॉर्मूले के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे अपनाकर आप भी कुछ ही बरसों में करोड़पति बन सकते हैं. लेकिन
करोड़पति बनाने वाला 8-4-3 फॉर्मूला क्या है?
सहयोगी वेबसाइट जी बिजनेस के मुताबिक, म्यूचुअल फंड में नियमित अंतराल पर पैसा जमा करने के बाद स्कीम के मेच्योर होने पर एकमुश्त राशि प्रदान की जाती है. इस तरह की व्यवस्थित निवेश योजनाएं (SIP) निवेशकों को हर महीने न्यूनतम चुनने की सुविधा देती हैं. ऐसा करके वे 1 करोड़ रुपये तक कमा सकते हैं. असल में यह सब चक्रवृद्धि ब्याज पर निर्भर करता है, विशेष रूप से चक्रवृद्धि ब्याज के 8-4-3 नियम पर.
15 साल में बन सकते हैं एक करोड़ के मालिक!
8-4-3 का यह नियम चक्रवृद्धि ब्याज के सिद्धांत पर आधारित है, जिसमें ब्याज मूलधन और संचित ब्याज दोनों पर अर्जित होता है. नियम के अनुसार, पहले 8 वर्षों में धन स्थिर गति से बढ़ता है. उसके बाद, अगले 4 वर्षों में चक्रवृद्धि ब्याज के कारण इसकी वृद्धि दर अधिक होगी. जबकि अंतिम 3 वर्षों में, निवेश बढ़ता जाएगा.
कैसे काम करता है ये फॉर्मूला?
स्टैंडर्ड चार्टर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर आप हर महीने 21,250 रुपये का निवेश करते हैं तो 12 प्रतिशत की ब्याज दर के हिसाब से 8 वर्षों में यह निवेश 34.3 लाख रुपये हो जाएगा. इसके बाद के 4 वर्षों में चक्रवृद्धि ब्याज की वजह से 34.3 लाख रुपये बढ़कर 68.5 लाख रुपये हो जाएंगे. फिर इसके बाद के 3 वर्षों में यह धनराशि बढ़कर 1 करोड़ रुपये हो जाएगी. ऐसा करके आप 15 वर्षों में 1 करोड़ रुपये के मालिक बन जाएंगे. जिससे आप संपत्ति खरीदने समेत अपनी तमाम हसरतों को पूरा कर पाएंगे और लग्जरी लाइफ का आनंद लेंगे.
बाजार के उतार-चढ़ावों से न घबराएं
फाइनेंशियल एक्सपर्टों के मुताबिक 8-4-3 नियम तभी काम करता है जब निवेश लंबी अवधि के लिए किया गया हो. अगर आप लंबे वक्त नियमित निवेश नहीं कर सकते तो यह फॉर्मूला आपके काम का नहीं है. इसे पाने के लिए आपको 15 सालों तक निवेश करते रहना होगा. इसमें जोखिम भी रहता है. ब्याज दरों, बाज़ार में उतार-चढ़ाव और अन्य घटनाओं की स्थिति में, आपके रिटर्न की दर में उतार-चढ़ाव हो सकता है. हालांकि अल्पकालिक घटनाओं से घबराना हीं चाहिए और उससे डरकर अपना निवेश बंद नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है.