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बीच में पढ़ाई छोड़ बनाया ऐप, 12-15 घंटे रोजाना काम...Zepto के CEO ने बताया कैसे खड़ा किया अरबों का साम्राज्य

Zepto: जेप्टो के सीईओ आदित पालिचा ने को कहा कि महज धन कमाने की चाहत नहीं बल्कि परिवर्तनकारी कंपनी बनाने का जुनून जेप्टो की सफलता का कारण बना.

बीच में पढ़ाई छोड़ बनाया ऐप, 12-15 घंटे रोजाना काम...Zepto के CEO ने बताया कैसे खड़ा किया अरबों का साम्राज्य
Sudeep Kumar|Updated: Oct 22, 2024, 12:09 AM IST
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Zepto Success Story: क्विक-कॉमर्स कंपनी Zepto के को-फाउंडर और सीईओ आदित पालिचा ने सोमवार को कहा कि महज धन कमाने की चाहत नहीं बल्कि परिवर्तनकारी कंपनी बनाने का जुनून जेप्टो की सफलता का कारण बना. आपको बता दें कि जेप्टा का बाजार मूल्यांकन पांच अरब अमेरिकी डॉलर है. 

एक टीवी कार्यक्रम में 22 वर्षीय पालिचा ने कहा कि सप्ताह में 80-100 घंटे काम करने के बावजूद जेप्टो की टीम फाइनेंशियल प्रोफिट से नहीं, बल्कि उनके द्वारा बनाए जा रहे प्लेटफॉर्म के प्रति उत्साह से प्रेरित है. 

हमें अपने काम से प्यारः पालिचा

उन्होंने कहा, "हम जो प्लेटफॉर्म बना रहे हैं, उससे हमें प्यार है. हम दिन-रात काम करते हैं, हम जो बना रहे हैं, उसके बारे में हम वास्तव में बेहद उत्साहित हैं. यह वास्तव में पैसे या व्यक्तिगत संपत्ति के बारे में नहीं है. हम स्पष्ट रूप से सप्ताह में 80-100 घंटे काम करते हैं. स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से पढ़ाई बीच में छोड़ने वाले पालिचा ने कहा, "एक निश्चित पड़ाव पर पैसा महत्वहीन हो जाता है.

कस्टमर सपोर्ट में AI का भी इस्तेमालः पालिचा

उन्होंने आगे कहा कि जहां कई वैश्विक इंटरनेट कंपनियों का मूल्यांकन अरबों डॉलर तक पहुंच गया है, वहीं भारत में अब भी ऐसे परिणाम आना बाकी हैं. पालिचा ने साथ ही कहा कि ‘क्विक-कॉमर्स यूनिकॉर्न’ अपने ग्राहकों को व्यक्तिगत उपयोगकर्ता अनुभव प्रदान करने के लिए अपनी खोज कार्यक्षमताओं तथा ग्राहक सेवा में कृत्रिम मेधा (एआई) को एकीकृत करने पर काम कर रही है. 

कैसे हुई जेप्टो की शुरुआत

क्विक कॉमर्स ऐप जेप्टो की शुरुआत 19 साल की उम्र में आदित पालिचा ने अपने दोस्त कैवल्य वोहरा के साथ की थी. उनका मानना था कि बिजनेस चलाना बच्चों का खेल नहीं हैं. जिस उम्र में बच्चे पॉकेट मनी पर अपनी जरूरतों और ख्वाहिशों को पूरा करने की जद्दोजहद में लगे रहते हैं, उस उम्र में कैवल्य वोहरा और आदित पालिचा ने अपनी कंपनी खड़ी कर दी और सिर्फ दो सालों में ही उसे यूनिकॉर्न बना दिया. 

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