सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन पर हाल ही में एक पोस्ट ने इन्वेस्टर्स के बीच खलबली मचा दी है. इस पोस्ट में एक इन्वेस्टर ने 15 साल तक किए गए इन्वेस्टमेंट के बाद जो रिटर्न मिला, उसे देखकर खुद को ठगा हुआ बताया है. इस पोस्ट ने न सिर्फ लाखों लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया, बल्कि एक बार फिर से यह सवाल उठाया है कि क्या पारंपरिक बीमा प्लानिंग इन्वेस्टमेंट के लिए सही हैं?
इस वायरल पोस्ट को शेयर किया है क्रेडेंस वेल्थ के फाउंडर और सीईओ कीर्तन ए. शाह ने. उन्होंने इस किस्से को “दा मोस्ट कॉमन इन्वेस्टिंग मिस्टेक” करार देते हुए बताया कि किस तरह एक व्यक्ति ने 15 साल पहले एक पॉपुलर इंश्योरेंस पॉलिसी में इन्वेस्टमेंट किया था, लेकिन उसकी मैच्योरिटी के बाद जो रकम मिली, वह बेहद निराशाजनक थी.
शाह के मुताबिक, उस व्यक्ति ने हर साल 3187 रुपये का प्रीमियम 15 साल तक भरकर कुल 47,805 रुपये का इन्वेस्टमेंट किया. लेकिन 15 साल बाद जब पॉलिसी मैच्योर हुई, तो उसे सिर्फ 69,530 रुपये ही मिले. यानि कुल रिटर्न सिर्फ 4.55% रहा, जो कि मौजूदा महंगाई दर से भी कम है.
गलतियां
शाह ने बताया कि यह वही गलती है जो आज भी लाखों लोग बीमा और इन्वेस्टमेंट को एक साथ कर रहे हैं. उन्होंने सलाह दी कि बीमा और इन्वेस्टमेंट को अलग रखें. उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि 2 लाख रुपये का टर्म इंश्योरेंस लिया जाए और बाकी पैसा पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में लगाया जाए, तो ना सिर्फ टैक्स बेनिफिट मिलेगा बल्कि रिटर्न भी करीब 7% रहेगा.
इंश्योरेंस एजेंट को हुआ फायदा
सबसे चौंकाने वाली बात शाह ने ये कही कि इस पॉलिसी से सबसे ज्यादा फायदा इंश्योरेंस एजेंट को हुआ. पहले साल में 40% तक कमीशन और आगे चलकर हर साल 8-10% तक. यानी इन्वेस्टर को नाम मात्र का रिटर्न मिला और एजेंट ने मोटी कमाई कर ली. पोस्ट के कमेंट सेक्शन में कई यूजर्स ने शाह की बात से सहमति जताई और लिखा कि इन्वेस्टमेंट से पहले उत्पाद की गहराई से जांच जरूरी है. किसी ने लिखा कि बीमा और इन्वेस्टमेंट अलग-अलग होते हैं, लेकिन लोग दोनों को मिलाकर भारी गलती कर बैठते हैं.
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