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ईमेल और सोशल मीडिया अकाउंट्स को खंगालेगा Income Tax डिपार्टमेंट! कब से लागू होगा नया नियम?

Income Tax Rules: टैक्‍स चोरी को रोकने के लि‍ए 1 अप्रैल 2026 से शुरू होने वाले फाइनेंश‍ियल ईयर से आयकर अध‍िकार‍ियों को नई शक्‍त‍ियां म‍िलने वाली हैं. यह न‍ियम कि‍स तरह काम करेगा, आइए जानते हैं.

ईमेल और सोशल मीडिया अकाउंट्स को खंगालेगा Income Tax डिपार्टमेंट! कब से लागू होगा नया नियम?
Kriyanshu Saraswat|Updated: Mar 28, 2025, 09:17 AM IST
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New Income Tax Rules: अगर आप भी हर साल इनकम टैक्‍स भरते हैं तो यह खबर आपके काम की है. टैक्‍स चोरी को रोकने के ल‍िए आयकर व‍िभाग को 1 अप्रैल 2026 से नई शक्‍त‍ियां म‍िलने जा रही हैं. नए न‍ियम के अनुसार यद‍ि इनकम टैक्‍स अध‍िकारी को टैक्‍स चोरी का शक होता है तो वह आपके ई-मेल और सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच कर सकते हैं. इसके अलावा बैंक अकाउंट, ऑनलाइन इनवेस्‍टमेंट और ट्रेडिंग अकाउंट्स तक भी इनकम टैक्‍स व‍िभाग के अध‍िकार‍ियों की पहुंच हो सकती है.

ड‍िज‍िटल स्‍पेस तक पहुंच होगी आसान

यह अध‍िकार उन्‍हें आयकर अधिनियम, 1961 के सेक्‍श्‍न 132 के तहत मिलेगा. यह आयकर अधिकारियों को किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की संपत्ति, डॉक्‍यूमेंट और अकाउंट की तलाशी और जब्ती की परम‍िशन देता है. दूसरे शब्‍दों में यह भी कह सकते हैं क‍ि न्यू इनकम टैक्स बिल में आयकर व‍िभाग के अध‍िकारी टैक्‍सपेयर्स के डिजिटल एसेट्स का एक्सेस मांग सकते हैं. अगर किसी शख्‍स के पास गुप्त संपत्ति, अनड‍िक्‍लेयर्ड इनकम, गोल्‍ड, कीमती सामान या संपत्ति है, जिस पर उसने आयकर का भुगतान नहीं क‍िया है तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट डिजिटली उसकी जांच कर सकेगा.

अभी क्‍या है न‍ियम?
इसके ल‍िए व‍िभाग के अध‍िकारी आपके ई-मेल, ऑनलाइन इनवेस्‍टमेंट, सोशल मीडिया अकाउंट्स और अन्य डिजिटल फाइनेंसिंग प्लेटफॉर्म तक पहुंच सकते हैं. टैक्स चोरी के मामलों में 'डिजिटल स्पेस ब्रेक-इन' का अधिकार भी द‍िया जाएगा, इसमें डिजिटल डेटा की खोज और जब्ती की जा सकेगी. मौजूदा समय में आयकर न‍ियमों के तहत इनकम टैक्स अधिकारी जांच के दौरान बैंक अकाउंट को फ्रीज कर सकते हैं. अभी भी वे लैपटॉप, हार्ड ड्राइव या ईमेल की मांग कर सकते हैं लेकिन इसके लिए कानूनी अड़चन का सामना करना पड़ता है.

अगले व‍ित्‍तीय वर्ष से क्‍या बदलाव होगा?
1 अप्रैल 2026 से आयकर अध‍िकारी के पास डिजिटल स्पेस की जांच करने के अधिकार होंगे. वो चाहें तो उन्हें टैक्‍स पेयर के कंप्यूटर, सोशल मीडिया, ई-मेल और ऑनलाइन अकाउंट की जांच का पूरा अधिकार मिलेगा. यद‍ि कोई जांच में सहयोग नहीं करता है तो व‍िभागीय अध‍िकारी उसके डिजिटल अकाउंट्स के पासवर्ड को बायपास और सेफ्टी सेटिंग्स को ओवरराइड कर सकते हैं. इसके अलावा फाइल्‍स और डेटा को अनलॉक क‍िया जा सकेगा. नए कानून के तहत उन्‍हें ये सभी अध‍िकारी म‍िलेंगे.

सभी टैक्सपेयर्स पर लागू होगा नियम?
आयकर व‍िभाग से जुड़ा नया न‍ियम और अध‍िकार‍ियों को म‍िलने वाली शक्‍त‍ि सभी टैक्सपेयर्स पर लागू नहीं होगी. यह नियम केवल उन ही मामलों में लागू होगा जहां टैक्स चोरी या अघोषित संपत्ति का संदेह होगा. आम टैक्सपेयर पर इसका क‍िसी तरह का असर नहीं पड़ेगा लेकिन पारदर्शिता और डेटा सेफ्टी के ल‍िहाज से जागरूक रहना जरूरी है. न्यू इनकम टैक्स बिल के सेक्‍शन-247 के तहत यह राइड कुछ ही अधिकारियों को द‍िया जाएगा. जांच के दौरान जिन अधिकारियों को डिजिटल डेटा की पहुंच दी जाएगी, वहीं इसकी जांच कर सकेंगे. डिजिटल डेटा में अधिकारियों को ई-मेल, सोशल मीडिया अकाउंट, बैंक डिटेल्स और इन्वेस्टमेंट अकाउंट की जांच करने का अधिकार होगा. 

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