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RBI ने घटाया रेपो रेट, सरकारी और प्राइवेट बैंकों को म‍िली संजीवनी; अब म‍िलेगी खुशखबरी

रिपोर्ट में बताया गया कि अधिकांश बैंकों ने अलग-अलग अवध‍ि के सेव‍िंग अकाउंट और एफडी की दरों में 20-100 आधार अंकों की कटौती की है. इसका FY 26 की दूसरी छमाही में और गहरा असर पड़ने की उम्मीद है.

RBI ने घटाया रेपो रेट, सरकारी और प्राइवेट बैंकों को म‍िली संजीवनी; अब म‍िलेगी खुशखबरी
Kriyanshu Saraswat|Updated: Jul 17, 2025, 09:34 PM IST
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Banking Sector Profit: महंगाई दर में कमी लाने और ल‍िक्‍व‍िड‍िटी बढ़ाने के मकसद से आरबीआई ने प‍िछले छह महीने के दौरान रेपो रेट में 100 बेस‍िस प्‍वाइंट की कमी कर दी है. इसका असर यह हुआ क‍ि बैंकों ने ब्‍याज दर में कमी कर दी. लोन की ब्‍याज दर कम होने से लोगों पहले के मुकाबले ज्‍यादा लोन ले रहे हैं. इसका फायदा बाजार और बैंकों को म‍िलेगा. मार्जिन में कमी और लोन यील्ड में गिरावट के कारण चुनौति‍यों से भरी पहली छमाही के बाद देश के बैंकिंग सेक्टर में फाइनेंश‍ियल ईयर 2026 की तीसरी तिमाही में एक बार फिर से सुधार देखने को मिलेगा. यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई.

डबल ड‍िज‍िट की इनकम ग्रोथ की दिशा तय होगी

मोतीलाल ओसवाल इंस्टीट्यूशनल इक्‍व‍िटीज ने एक रिपोर्ट में कहा क‍ि प्राइवेट और पब्‍ल‍िक सेक्‍टर के बैंक एक बदलाव के चरण में एंट्री कर रहे हैं. यहां जमा पुनर्मूल्यन (Deposit Repricing), प्रणालीगत तरलता प्रवाह (Systemic Liquidity) और परिसंपत्ति गुणवत्ता (asset quality) में सुधार से आमदनी बढ़ने लगी है. रिपोर्ट के अनुसार, यह सुधार धीरे-धीरे हो रहा है और इससे वित्त वर्ष 27 में डबल ड‍िज‍िट की इनकम ग्रोथ की दिशा तय होगी.

एफडी की दरों में 20-100 आधार अंकों की कटौती
रिपोर्ट में बताया गया कि अधिकांश बैंकों ने अलग-अलग अवध‍ि के सेव‍िंग अकाउंट और एफडी की दरों में 20-100 आधार अंकों की कटौती की है. इसका FY 26 की दूसरी छमाही में और गहरा असर पड़ने की उम्मीद है. रिपोर्ट में बताया गया क‍ि रेपो रेट में कटौती के बाद और आगे ल‍िक्‍व‍िड‍िटी के सपोर्ट के साथ, शुद्ध ब्याज मार्जिन (NEM) के स्थिर होने और तीसरी तिमाही से आमदनी में ग्रोथ होने की उम्मीद है.

एसेट क्‍वाल‍िटी का दबाव कम हो रहा
रिपोर्ट के अनुसार खासतौर पर खुदरा असुरक्षित और सूक्ष्म वित्त संस्थान (MFI) पोर्टफोलियो में एसेट क्‍वाल‍िटी का दबाव कम हो रहा है, जिससे प्रोविजन राइट-बैक की जगह बन रही है. सभी क्षेत्रों में करंट अकाउंट सेव‍िंग अकाउंट (CASA) रेश्‍यो में गिरावट के बावजूद मजबूत लायबिलिटी प्रोफाइल वाले बैंक मार्जिन दबावों से निपटने के लिए बेहतर स्थिति में हैं. रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया कि प्राइवेट बैंकों का कुल प्रावधान-पूर्व परिचालन लाभ (PPOP) वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के 698 अरब रुपए से बढ़कर वित्त वर्ष 2026 की चौथी तिमाही में 831 अरब रुपए हो जाएगा, जो आय में व्यापक सुधार के कारण होगा.

रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2027 में बैंकिंग क्षेत्र में जोरदार उछाल आएगा. रिपोर्ट के अनुसार 'मार्जिन में सुधार और कम ऋण लागत के कारण, निजी बैंकों की आय वृद्धि वित्त वर्ष 2026 के 6.9 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2027 में 21.7 प्रतिशत होने की उम्मीद है.' (IANS) 

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