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दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के बजट पर होगी नजर, कर्ज से लेकर कमाई तक; यहां समझिए पूरा गुणा-गणित

India Budget: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2019 में अपना पहला बजट पेश करते हुए बजट दस्तावेजों को ले जाने के लिए दशकों से इस्तेमाल किए जा रहे चमड़े के ब्रीफकेस को लाल कपड़े में लिपटे पारंपरिक 'बही-खाता' से बदल दिया था. 

दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के बजट पर होगी नजर, कर्ज से लेकर कमाई तक; यहां समझिए पूरा गुणा-गणित
Sudeep Kumar|Updated: Jan 31, 2025, 10:40 PM IST
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Budget 2025: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को अपना लगातार 8वां बजट पेश करेंगी. इस बजट के दौरान सभी की निगाहें मिडिल क्लास को मिलने वाली बहुप्रतीक्षित टैक्स छूट पर होंगी. सीतारमण ने 2019 में अपना पहला बजट पेश करते हुए बजट दस्तावेजों को ले जाने के लिए दशकों से इस्तेमाल किए जा रहे चमड़े के ब्रीफकेस को लाल कपड़े में लिपटे पारंपरिक 'बही-खाता' से बदल दिया था. 

इस साल का बजट पिछले तीन वर्षों की तरह पेपर लेस होगा. वित्त वर्ष 2025-26 के आम बजट से जुड़े कुछ अहम पहलुओं को इन आंकड़ों से समझिए.

राजकोषीय घाटा: चालू वित्त वर्ष (अप्रैल 2024 से मार्च 2025) के बजट में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.9 प्रतिशत अनुमानित है. वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में घाटे के आंकड़ों पर बाजार की पैनी नजर रहेगी. 

पूंजीगत व्यय: चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार का नियोजित पूंजीगत व्यय 11.1 लाख करोड़ रुपये है. हालांकि, लोकसभा चुनावों के कारण पहले चार महीनों में सरकारी खर्च धीमा रहा, जिससे पूंजीगत व्यय चक्र में देरी हुई और चालू वित्त वर्ष के लिए अंतिम आंकड़े कम रहने की उम्मीद है. वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में भी पूंजीगत व्यय की रफ्तार जारी रहने की उम्मीद है. 

ऋण की स्थिति: वित्त मंत्री ने अपने 2024-25 के बजट भाषण में कहा था कि 2026-27 से आगे राजकोषीय घाटे को जीडीपी के प्रतिशत के रूप में लगातार कम किया जाएगा. इस बार बाजार की ऋण समेकन मसौदे पर नजर रहेगी. वर्ष 2024 में सामान्य सरकारी ऋण-जीडीपी अनुपात 85 प्रतिशत था, जिसमें केंद्र सरकार का ऋण 57 प्रतिशत है. 

उधार: वित्त वर्ष 2024-25 में सरकार का सकल उधार बजट 14.01 लाख करोड़ रुपये था. सरकार अपने राजकोषीय घाटे की भरपाई करने के लिए बाजार से उधार लेती है. उधारी संख्या पर बाजार की नजर रहेगी. 

कर राजस्व: 2024-25 के बजट में सकल कर राजस्व 38.40 लाख करोड़ रुपये आंका गया था, जो वित्त वर्ष 2023-24 की तुलना में 11.72 प्रतिशत अधिक है. इसमें प्रत्यक्ष करों से 22.07 लाख करोड़ रुपये और अप्रत्यक्ष करों से 16.33 लाख करोड़ रुपये का राजस्व शामिल हैं.  

जीएसटी: 2024-25 में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह 11 प्रतिशत बढ़कर 10.62 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है. वित्त वर्ष 2025-26 के जीएसटी राजस्व अनुमानों पर नजर रखी जाएगी, क्योंकि चालू वित्त वर्ष में पिछले तीन महीनों में राजस्व वृद्धि धीमी रही है. 

चालू कीमतों पर जीडीपी: वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की चालू कीमतों पर जीडीपी वृद्धि (वास्तविक जीडीपी और मुद्रास्फीति का जोड़) 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि वास्तविक जीडीपी वृद्धि 6.4 प्रतिशत रह सकती है. 

इसके अलावा सरकार को आरबीआई तथा वित्तीय संस्थानों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से मिलने वाले लाभांश तथा विनिवेश से होने वाली आय पर भी बाजार की नजर रहेगी. 

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