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अप्रैल 2025 में 5.1% रही बेरोजगारी दर, सरकार ने पहली बार जारी किए गए मासिक आंकड़े

केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि अप्रैल के दौरान 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के बीच श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) 55.6 प्रतिशत थी.

 अप्रैल 2025 में 5.1% रही बेरोजगारी दर, सरकार ने पहली बार जारी किए गए मासिक आंकड़े
Bavita Jha |Updated: May 15, 2025, 07:38 PM IST
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Unemployment Data: केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि अप्रैल के दौरान 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के बीच श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) 55.6 प्रतिशत थी. इसी आयु वर्ग के व्यक्तियों के लिए एलएफपीआर ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 58 प्रतिशत थी और शहरी क्षेत्रों में 50.7 प्रतिशत थी. 

क्या है एलएफपीआर 
एलएफपीआर एक महत्वपूर्ण संकेतक है, जो रोजगार की स्थिति को दर्शाता है. यह दर बताती है कि श्रम बल में कितने लोग सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं. सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा जारी मासिक आंकड़ों पर आधारित नई सीरीज के अनुसार, डेटा में पहली बार ग्रामीण रोजगार के आंकड़े भी शामिल हैं, जो कवरेज को व्यापक बनाते हैं. 

अप्रैल में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के बीच सीडब्ल्यूएस में बेरोजगारी दर (यूआर) 5.1 प्रतिशत थी, घरेलू स्तर पर पुरुष यूआर 5.2 प्रतिशत थी, जबकि महिला यूआर 5.0 प्रतिशत थी. तिमाही आधार पर संकलित पुरानी सीरीज के अक्टूबर-दिसंबर- 2024 के दौरान शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर (यूआर) 6.4 प्रतिशत थी। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरुषों के लिए सीडब्ल्यूएस में एलएफपीआर क्रमशः 79 प्रतिशत और 75.3 प्रतिशत थी, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिलाओं के बीच एलएफपीआर अप्रैल के दौरान 38.2 प्रतिशत थी. 

ग्रामीण क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के बीच सीडब्ल्यूएस में श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) 55.4 प्रतिशत था. 
आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल के दौरान समान आयु वर्ग के व्यक्तियों के बीच शहरी क्षेत्रों में डब्ल्यूपीआर 47.4 प्रतिशत था, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर समग्र डब्ल्यूपीआर 52.8 प्रतिशत रहा.

ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिलाओं के लिए डब्ल्यूपीआर महीने के दौरान क्रमशः 36.8 प्रतिशत और 23.5 प्रतिशत थी और देश के स्तर पर समान आयु वर्ग की समग्र महिला डब्ल्यूपीआर 32.5 प्रतिशत देखी गई. बढ़ी हुई कवरेज के साथ उच्च आवृत्ति श्रम बल संकेतकों के निर्माण की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) की नमूना पद्धति को जनवरी 2025 से नया रूप दिया गया है. 

पुनर्निर्मित पीएलएफएस डिजाइन की परिकल्पना अखिल भारतीय स्तर पर सीडब्ल्यूएस में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए मासिक आधार पर प्रमुख रोजगार और बेरोजगारी संकेतकों (श्रम बल भागीदारी दर, श्रमिक जनसंख्या अनुपात और बेरोजगारी दर) का अनुमान लगाने के लिए की गई है. मासिक परिणाम पीएलएफएस के मासिक बुलेटिन के रूप में जारी करने की योजना है. वर्तमान मासिक बुलेटिन अप्रैल 2025 महीने के लिए सीरीज में पहला है. 

ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लिए पीएलएफएस में जनवरी 2025 से एक रोटेशनल पैनल सैंपलिंग डिजाइन अपनाया गया है. इस रोटेशनल पैनल योजना में, प्रत्येक चयनित घर का लगातार चार महीनों में चार बार दौरा किया जाता है. आईएएनएस

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