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RBI के नए गवर्नर के लिए पहली खुशखबरी आई, साल खत्म होने से पहले घट गई महंगाई, ये चीजें हुई सस्ती

महंगे प्याज-टमाटर की कीमतों ने आपके किचन का बजट बिगाड़ दिया, लेकिन साल खत्म होते-होते राहत भरी खबर आई है.  देश की खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation Rate) में गिरावट दर्ज की गई है. नवंबर में खाने-पीने की चीजों की कीमतों में नरमी की वजह से खुदरा महंगाई दर 6 फीसदी से कम रहा.

 RBI के नए गवर्नर के लिए पहली खुशखबरी आई, साल खत्म होने से पहले घट गई महंगाई, ये चीजें हुई सस्ती
Bavita Jha |Updated: Dec 12, 2024, 05:25 PM IST
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Retail Inflation: महंगे प्याज-टमाटर की कीमतों ने आपके किचन का बजट बिगाड़ दिया, लेकिन साल खत्म होते-होते राहत भरी खबर आई है.  देश की खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation Rate) में गिरावट दर्ज की गई है. नवंबर में खाने-पीने की चीजों की कीमतों में नरमी की वजह से खुदरा महंगाई दर 6 फीसदी से कम रहा. 12 दिसंबर को जारी सरकारी डेटा के मुताबिक नवंबर में खुदरा महंगाई दर घटकर 5.48 फीसदी पर आ गई. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा के लिए ये बड़ी राहत की खबर है. महंगाई में नरमी आने से आरबीआई के लिए ब्याज दरों में कटौती के रास्ते खुल सकते हैं.  

खुदरा महंगाई दर में नरमी  

खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर में घटकर 5.48 प्रतिशत पर आ गई है. अक्टूबर में यह 6.21 प्रतिशत के स्तर पर थी। इसकी मुख्य वजह खाद्य पदार्थों खासकर सब्जियों की कीमतों में नरमी है. एनएसओ द्वारा जारी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति घटकर 9.04 प्रतिशत रह गई. अक्टूबर में यह 10.87 प्रतिशत और नवंबर 2023 में 8.70 प्रतिशत थी. 

कौन-कौन सी चीजें हुई सस्ती  

एनएसओ ने कहा,  नवंबर, 2024 में सब्जियों, दालों चीनी मिठाईयां, फलों, अंडे, दूध, मसालों, परिवहन और संचार और व्यक्तिगत देखभाल संबंधी उत्पादों की मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय गिरावट आई. सीपीआई आधारित कुल मुद्रास्फीति जुलाई-अगस्त के दौरान औसतन 3.6 प्रतिशत से बढ़कर सितंबर में 5.5 प्रतिशत और अक्टूबर, 2024 में 6.2 प्रतिशत हो गई.  यह सितंबर, 2023 के बाद से सबसे अधिक है. 

आरबीआई का अनुमान 

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए मुद्रास्फीति अनुमान को पिछले सप्ताह 4.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.8 प्रतिशत कर दिया थी. साथ ही केंद्रीय बैंक ने खाद्य कीमतों पर दबाव से दिसंबर तिमाही में कुल मुद्रास्फीति के ऊंचे स्तर पर बने रहने की आशंका भी जाहिर की थी. इनपुट-भाषा 

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