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भारत और रूस के बीच जमकर हो रहा व्यापार, 5 साल में 500% की बढ़ोतरी; रूस ने बताया- अगली पीढ़ी के लिए क्या है जरूरी

India Russia Relation: रूसी अधिकारी ने इस उपलब्धि पर कहा कि दोनों देश रणनीतिक साझेदारों से कहीं अधिक हैं. हम सदाबहार मित्र हैं. हमारा रिश्ता आपसी विश्वास और साझा हितों पर आधारित है, जिससे हमारे आर्थिक संबंधों की वृद्धि स्वाभाविक और स्थायी दोनों है.

भारत और रूस के बीच जमकर हो रहा व्यापार, 5 साल में 500% की बढ़ोतरी; रूस ने बताया- अगली पीढ़ी के लिए क्या है जरूरी
Sudeep Kumar|Updated: Nov 27, 2024, 06:54 PM IST
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India Russia Trade: भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2024 में रिकॉर्ड 66 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जो पिछले पांच साल में पांच गुना की वृद्धि है. एक रूसी राजनयिक ने बुधवार को कहा कि इसमें इस वर्ष के पहले आठ महीनों में नौ प्रतिशत की वृद्धि हुई है. 

कोलकाता में रूस के महावाणिज्य दूत मैक्सिम वी. कोजलोव ने कहा कि रूस और भारत 2030 तक महत्वाकांक्षी 100 अरब डॉलर के व्यापार लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, जिसे सहयोग और विविध व्यापार अवसरों के विस्तार से बल मिलेगा. 

2030 तक 100 अरब डॉलर का व्यापारः रूसी अधिकारी

कोजलोव ने कोलकाता में भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स (बीसीसी) के सदस्यों के साथ एक संवाद सत्र में कहा, "व्यापार क्षेत्र में विविधता लाने और विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की मात्रा बढ़ाने की संभावनाओं पर दोनों देशों के बीच हाल में हुई बातचीत से 2030 तक 100 अरब डॉलर का लक्ष्य हासिल करने योग्य है." 

उन्होंने कहा, "भारत और रूस रणनीतिक साझेदारों से कहीं अधिक हैं; हम सदाबहार मित्र हैं. हमारा रिश्ता आपसी विश्वास और साझा हितों पर आधारित है, जिससे हमारे आर्थिक संबंधों की वृद्धि स्वाभाविक और स्थायी दोनों है."

इन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा व्यापार

सहयोग बढ़ाने के लिए चिह्नित प्रमुख क्षेत्रों में रेलवे, फार्मास्युटिकल्स, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), विमानन और साइबर सुरक्षा शामिल हैं. बैठक में मौजूद अधिकारियों ने रूस में भारतीय उद्योगों के लिए, विशेष रूप से यूक्रेन संघर्ष के बाद पश्चिमी ब्रांड की वापसी के बाद उभरते अवसरों पर भी प्रकाश डाला. 

बीसीसी ने बयान में कहा कि कोजलोव ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), रोबोटिक्स, शहरी विकास और लिथियम, कोबाल्ट और निकल जैसी महत्वपूर्ण धातुओं जैसे क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने की आवश्यकता पर भी बल दिया, जो अगली पीढ़ी के उद्योगों के लिए आवश्यक हैं.

(इनपुट- एजेंसी)

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