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बैन की फिक्र नहीं! भारत की दो टूक, कहा-सस्ता मिलेगा रूस से तेल तो हम खरीदेंगे

India Oil Import: केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम फरवरी, 2022 में रूस से 0.2 प्रतिशत से भी कम तेल खरीदते थे. अब हम 30 प्रतिशत तेल रूस से खरीद रहे हैं. अगर यह अच्छी छूट पर उपलब्ध है, तो हम इसे खरीदेंगे. 

बैन की फिक्र नहीं! भारत की दो टूक, कहा-सस्ता मिलेगा रूस से तेल तो हम खरीदेंगे
Sudeep Kumar|Updated: Jan 24, 2025, 11:13 PM IST
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India Russia Relation: अमेरिका ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं. हालांकि इन प्रतिबंधों को दरकिनार करते हुए भारत लगातार रूसी तेल खरीदता आ रहा है. अब ट्रंप प्रशासन में भी भारत ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है. देशहित को आगे रखते हुए पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को कहा कि रूस से सस्ती दरों पर कच्चा तेल मिलना जारी रहने की स्थिति में भारत उसकी खरीद जारी रखेगा. इसके साथ ही पुरी ने कहा कि सरकार सबसे किफायती कीमत वाला कच्चा तेल खरीदने के लिए ‘प्रतिबद्ध’ है. 

पुरी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अगर रूस का तेल अच्छी छूट पर उपलब्ध रहता है तो भारत इसे खरीदना जारी रखेगा. उन्होंने कहा, "हम फरवरी, 2022 में रूस से 0.2 प्रतिशत से भी कम तेल खरीदते थे. अब हम 30 प्रतिशत तेल रूस से खरीद रहे हैं. अगर यह अच्छी छूट पर उपलब्ध है, तो हम इसे खरीदेंगे. अगर यह कहीं और भी रियायती दर पर उपलब्ध है, तो हम वहां से खरीदेंगे."

भारत किसी से तेल खरीदने के लिए प्रतिबद्ध नहीं

मंत्री ने कहा कि भारत किसी से कोई मात्रा खरीदने के लिए प्रतिबद्ध नहीं हैं और यह प्रतिबद्धता सिर्फ सबसे किफायती कीमत वाली ऊर्जा खरीदने के लिए है. उन्होंने कहा, "ईंधन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है. कुछ उत्पादकों की ओर से कटौती किए जाने के बावजूद बाजार में ज्यादा से ज्यादा कच्चा तेल आ रहा है." 

मंत्री ने कहा कि सरकार तेल उत्पादक देशों के साथ दीर्घकालिक और हाजिर दोनों तरह के सौदे करने के लिए तैयार है. पुरी ने कहा, "हम आयात के समय निविदाएं जारी करते हैं. इसका मतलब यह है कि अगर हमें किसी खास मार्ग की जरूरत है तो हम निविदा जारी करेंगे और फिर जो भी इसकी आपूर्ति कर सकता है वह आपूर्ति करेगा." 

रत्नागिरी प्रोजेक्ट पर भी की टिप्पणी

महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में रिफाइनरी परियोजना संबंधी सवाल पर पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि यह परियोजना अपने विशाल आकार (छह करोड़ टन प्रति वर्ष क्षमता) के कारण व्यवहारिक नहीं है. सरकार इसकी जगह दो-दो करोड़ टन प्रति वर्ष क्षमता वाली तीन रिफाइनरी की संभावनाओं पर गौर कर रही है. 

रत्नागिरी रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (आरआरपीसीएल) सार्वजनिक क्षेत्र की तीनों पेट्रोलियम कंपनियों की एक संयुक्त उद्यम कंपनी है जिसकी स्थापना 2017 में की गई थी. 

(कॉपी- भाषा)

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