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दुनियाभर में चलेगा भारत का सिक्का? बम-बम होगा मार्केट, साल की सबसे बड़ी भविष्यवाणी

RBI Policy Stock Market: ब्रोकरेज हाउस ने आगे रिपोर्ट में बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा इस महीने की शुरुआत में रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती की जा चुकी है और हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में और 50 आधार अंक की कटौती की जा सकती है.

दुनियाभर में चलेगा भारत का सिक्का? बम-बम होगा मार्केट, साल की सबसे बड़ी भविष्यवाणी
Shwetank Ratnamber|Updated: Feb 24, 2025, 10:40 PM IST
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Share market and Nifty: ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म सिटी ने सोमवार को कहा कि उनको उम्मीद है कि निफ्टी 50 इंडेक्स इस साल दिसंबर तक 26,000 के स्तर को छू सकता है, जो कि मौजूदा स्तरों से 15 फीसदी की तेजी को दर्शाता है. ब्रोकरेज फर्म ने भारत पर अपने आउटलुक को अपग्रेड कर 'न्यूट्रल' से 'ओवरवेट' कर दिया गया. इसकी वजह भारतीय शेयर बाजार का आकर्षक वैल्यूएशन पर होना और खपत में सुधार होना है. सिटी ने भारतीय शेयर बाजार में तेजी आने के कई कारण गिनाए हैं.

रिजर्व बैंक भी तैयार

ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि वित्त वर्ष 2025-26 में आम बजट में इनकम टैक्स में कटौती से देश में खपत को बढ़ावा मिलेगा. वहीं, पूंजीगत खर्च में सुधार हो रहा है. आंकड़ों से पता चलता है कि सरकार विकास दर को बढ़ने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर पर लगातार खर्च कर रही है. ब्रोकरेज हाउस ने आगे रिपोर्ट में बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा इस महीने की शुरुआत में रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती की जा चुकी है और हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में और 50 आधार अंक की कटौती की जा सकती है.

हालात का सामना करने के लिए भारत सक्षम 

ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि भारत की अर्थव्यवस्था घरेलू कारकों से संचालित होती है जो इसे अमेरिकी टैरिफ नीतियों पर चिंताओं सहित वैश्विक अनिश्चितताओं का सामना करने के लिए सक्षम बनाता है. यह अपग्रेड ऐसे समय पर आया पर जब भारतीय शेयर बाजार में लगातार बिकवाली देखने को मिल रही है. बीते पांच कारोबारी सत्र में सेंसेक्स में 1,542 अंक या 2 प्रतिशत और निफ्टी में 406 अंक या 1.76 प्रतिशत की गिरावट हुई है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हाल ही में नए पारस्परिक टैरिफ की घोषणा ने वैश्विक बाजारों को हिला दिया है जिससे व्यापार तनाव की आशंका बढ़ गई है. हालांकि, सिटी ने कहा कि भारतीय कंपनियों का अमेरिका और चीन के साथ व्यापार में सीमित जोखिम है जो इन नीतिगत परिवर्तनों से जोखिम को कम करता है. (आईएएनएस)

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