Indian Railways clerkage fee: भारतीय रेलवे अब वेटिंग टिकट रद्द करने पर लगने वाली क्लर्केज फीस को या तो कम करने या पूरी तरह से खत्म करने की योजना बना रहा है. रेलवे की ये पहल उन यात्रियों के लिए बड़ी राहत साबित हो सकती है, जिनके टिकट कन्फर्म नहीं हो पाते, लेकिन उन्हें रिफंड के वक्त भी फीस काटी जाती है. दरअसल, आजकल ज्यादातर टिकट ऑनलाइन बुक किए जा रहे हैं, जिससे रेलवे की बुकिंग प्रक्रिया की लागत भी कम हुई है. ऐसे में रेलवे अब यात्रियों से ये अतिरिक्त चार्ज लेने पर दोबारा सोच रहा है.
अभी कितनी है क्लर्केज फीस?
अगर आप कोई टिकट रद्द करते हैं, तो रेलवे कुछ चार्ज काटता है जिसे क्लर्केज फीस कहा जाता है. यह फीस इस तरह है:
• एसी और नॉन-एसी रिजर्व्ड कोच के टिकट पर ₹60
• अनारक्षित सेकंड क्लास टिकट पर ₹30
अगर आपने टिकट IRCTC वेबसाइट या ऐप से भी बुक किया हो, तब भी यह फीस लागू होती है. इसके अलावा IRCTC अलग से कन्वीनियंस फीस भी लेता है –
• एसी टिकट के लिए ₹30
• नॉन-एसी टिकट के लिए ₹15
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि क्लर्केज फीस बुकिंग सिस्टम को चलाने में आने वाले खर्च को कवर करती है. यह रकम सीधा रेलवे के रखरखाव, ऑपरेशन और अपग्रेडेशन फंड में जाती है.
तत्काल टिकट के नियम हुए सख्त
रेलवे ने 1 जुलाई 2025 से तत्काल टिकट की बुकिंग के नियम सख्त कर दिए हैं. अब अगर आप तत्काल टिकट ऑनलाइन बुक करते हैं, तो आपको अपनी पहचान भी वेरीफाई करनी होगी. इसके लिए आधार कार्ड या डीजीलॉकर में सेव किसी भी सरकारी पहचान पत्र का इस्तेमाल करना होगा.
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इससे बुकिंग सिस्टम ज्यादा सुरक्षित होगा और टिकटों के गलत इस्तेमाल पर रोक लगेगी. इसके साथ ही OTP-बेस्ड वेरिफिकेशन सिस्टम भी जुलाई के आखिर तक लागू हो सकता है.
रिजर्वेशन चार्ट की नई टाइमिंग
रेलवे ने रिजर्वेशन चार्ट तैयार करने के नियमों में भी बदलाव किया है. अब ट्रेन के रवाना होने से 8 घंटे पहले रिजर्वेशन चार्ट बना दिया जाएगा, जबकि पहले यह समय 4 घंटे था.
• अगर ट्रेन दोपहर 2 बजे से पहले रवाना होती है, तो उसका चार्ट पिछली रात 9 बजे तैयार कर लिया जाएगा.
• इससे खास तौर पर उन यात्रियों को सहूलियत होगी जो बीच के स्टेशनों से चढ़ते हैं और उन्हें आखिरी समय तक चार्ट का इंतजार करना पड़ता था.