ICF Coach in Garib Rath Express: भारतीय रेलवे की तरफ से पिछले कुछ सालों में यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए कई बदलाव किये गए हैं. रेलवे की तरफ से सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत के संचालन के साथ ही बुलेट ट्रेन पर भी काम किया जा रहा है. हाल में वेटिंग टिकट लिस्ट के अधिकतम 25 प्रतिशत तक जाने का फैसला किये जाने के बाद अब खबर आ रही है कि रेलवे की तरफ से आईसीएफ, चेन्नई (ICF) की तरफ से डिजाइन किये गए सैकड़ों कोच को स्पेशल ट्रेनों से हटाया जाएगा.
62 गरीब रथ एक्सप्रेस में ICF के कोच
'द हिन्दू' में प्रकाशित खबर के अनुसार इन कोच को कंडम घोषित किया जाएगा. इनमें से ज्यादातर कोच पहले से अलग-अलग रूट पर संचालित होने वाली 62 गरीब रथ एक्सप्रेस में इस्तेमाल किये जाते हैं. पिछले साल से गरीब रथ ट्रेनों के लिए ICF की तरफ से डिजाइन किये जाने वाले कोच का प्रोडक्शन भी बंद कर दिया गया है. इनकी जगह अब लिंके हॉफमैन बुश (LHB) एसी इकोनॉमी रैक यूज की जा रही हैं. पुराने ICF कोच का इस्तेमाल स्पेशल ट्रेनों को चलाने के लिए किया जा रहा था.
शिकायतें मिलने के बाद लिया बदलाव का फैसला
इन कोच को लेकर अलग-अलग जोन के अधिकारियों की तरफ से शिकायतें मिलीं. इन शिकायतों में बिजली और इलेक्ट्रिकल व मैकेनिकल प्रॉब्लम के साथ-साथ स्पेयर पार्ट्स की कमी जैसी दिक्कतें शामिल थीं. रेलवे सूत्रों की तरफ से बताया गया कि पिछले कुछ महीने के दौरान यात्रियों और रेलवे अधिकारियों की तरफ से बढ़ती शिकायतों के बाद रेलवे बोर्ड की तरफ से आदेश दिया गया है कि ICF की तरफ से डिजाइन किये गए पुराने गरीब रथ एक्सप्रेस कोच को तत्काल प्रभाव से पैसेंजर सर्विस से हटा लिया जाए.
मेंटीनेंस संबंधी कई समस्याएं बताई गईं
एक रेलवे अधिकारी ने बताया कि जोनल रेलवे की तरफ से ICF गरीब रथ कोच के बिजली और इलेक्ट्रिकल व मैकेनिकल पार्ट में मेंटीनेंस संबंधी कई समस्याएं बताई गईं. इन प्रॉब्लम में समय पर मरम्मत नहीं होना और स्पेयर पार्ट्स खरीदने में परेशानी का होना है. अधिकारी ने बताया कि अब इन कोच को पैसेंजर सर्विस से हटाने का फैसला किया गया है.
रेलवे बोर्ड की तरफ से किये गए इस फैसले के बाद करीब (900 कोच को हटाए जाने की उम्मीद है. हालांकि, सभी ICF डिजाइन वाले कोच को बदलने का नीतिगत फैसला है, इनमें से ज्यादातर कम से कम 20 साल पुराने हैं. बताया जा रहा है कि साउदर्न रेलवे में अभी 154 रैक ऐसी हैं जिनमें ICF की तरफ से डिजाइन किये गए कोच लगे हैं और इनका कई रूट्स पर संचालन किया जा रहा है. अधिकारियों ने 2028 तक इन सभी को LHB रैक से बदलने का प्लान किया है.