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इंडसइंड बैंक को कैसे लगी 1600 करोड़ की चपत, अब एजेंसी लगाएगी पता, गड़बड़ी मिलने के बाद बैंक का बड़ा फैसला

इंडसइंड बैंक में मिली गड़बड़ी के बाद से बैंक के शेयरों में गिरावट का दौर जारी है, बैंक के ग्राहकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. बैंक के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में मिली आर्थिक गड़बड़ी का पता लगाने के लिए अब बैंक की ओर से एक्सटर्नल एजेंसी हायर की गई है.

 इंडसइंड बैंक को कैसे लगी 1600 करोड़ की चपत, अब एजेंसी लगाएगी पता, गड़बड़ी मिलने के बाद बैंक का बड़ा फैसला
Bavita Jha |Updated: Mar 21, 2025, 06:22 PM IST
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IndusInd Bank: इंडसइंड बैंक में मिली गड़बड़ी के बाद से बैंक के शेयरों में गिरावट का दौर जारी है, बैंक के ग्राहकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. बैंक के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में मिली आर्थिक गड़बड़ी का पता लगाने के लिए अब बैंक की ओर से एक्सटर्नल एजेंसी हायर की गई है. इंडसइंड बैंक ने गड़बड़ी की मूल वजह का पता लगाने के लिए एक बाहरी प्रोफेशनल कंपनी को नियुक्त किया है. अब ये  एक्सटर्नल कंपनी बैंक के भीतर मिली खामियों का पता लगाएंगी.  

इंडसइंड बैंक की खामिया पकड़ेगी ये कंपनी   

इंडसइंड बैंक ने डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में मिली खामियों का पता लगाने के लिए एजेंसी हायर की है. बीते सप्ताह बैंक ने अपने डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में गड़बड़ियां पाई थी, जिसकी वजह से दिसंबर 2024 तक उसके नेटवर्थ पर लगभग 2.35 प्रतिशत प्रभाव पड़ सकता है. अनुमान के अनुसार, लेखांकन में 2,100 करोड़ रुपये की गड़बड़ी से बैंक की संपत्ति पर 2.35 प्रतिशत यानी करीब 1600 करोड़ रुपये का असर पड़ सकता है. बैंक की इस गड़बड़ी का पता अब बाहरी एजेंसी लगाएगी. 

बैंक ने दी जानकारी  

स्टॉक एक्सचेंजों को दिए गए एक नए बयान में बैंक ने कहा कि स्वतंत्र फर्म हाल ही में पेश की गई लेखांकन विसंगतियों के मूल कारण की पहचान करने के लिए एक बड़े स्तर पर जांच करेगी. फर्म अकाउंटिंग स्टैंडर्ड्स को लेकर डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट के अकाउंटिंग ट्रीटमेंट के सही या गलत होने और इसके प्रभाव का आकलन करेगी. स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा गया 10 मार्च 2025 को बैंक ने अपने डेरिवेटिव पोर्टफोलियो से जुड़े अकाउंट बैलेंस को लेकर बैंक द्वारा पहचानी गई कुछ विसंगतियों की एक बाहरी एजेंसी द्वारा चल रही समीक्षा की जानकारी दी थी.  बैंक ने कहा था कि एक बार रिव्यू पूरा हो जाने पर यह अपने फाइनेंशियल स्टेटमेंट पर पड़ने वाले किसी भी परिणामी प्रभाव की जानकारी खुद ही देगा. 

इसके अलावा, निदेशक मंडल ने अपनी बैठक में एक स्वतंत्र पेशेवर फर्म को नियुक्त करने का फैसला किया था. फर्म को विसंगतियों के मूल कारण की पहचान करने, अकाउंटिंग स्टैंडर्ड्स को लेकर डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट के अकाउंटिंग ट्रीटमेंट के सही या गलत होने; इसके प्रभाव का आकलन करने, किसी भी चूक की पहचान करने और जवाबदेही के लिए एक बड़ी जांच करने के उद्देश्य से नियुक्त किया जाना तय हुआ था.  

बैंक काताधारकों को घबराने की जरूरत नहीं 

बैंक ने पहले कहा था कि बैंक के इंटरनल रिव्यू की फाइंडिंग्स की जांच के लिए एक बाहरी एजेंसी काम कर रही है. इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक ने भी इंडसइंड बैंक की वित्तीय हालत के बारे में अटकलों के बाद बैंक के जमाकर्ताओं को बैंक की वित्तीय स्थिरता का आश्वासन दिया है.केंद्रीय बैंक ने पुष्टि की कि बैंक अच्छी तरह से पूंजीकृत है और जमाकर्ताओं के लिए चिंता की कोई बात नहीं है. आरबीआई ने कहा कि इंडसइंड बैंक की वित्तीय हालत स्थिर बनी हुई है और रिजर्व बैंक इस पर कड़ी निगरानी रख रहा है.  आईएएनएस

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