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इन्वेस्टर की इनकम 7 लाख, फिर भी देना पड़ा 74 हजार का टैक्स! 12 लाख की टैक्स छूट के बावजूद हुआ ऐसा क्यों?

स्टॉक मार्केट में निवेश से अच्छा मुनाफा कमाना जितना रोमांचक होता है, उससे जुड़े टैक्स नियम उतने ही कॉम्प्लिकेटेड हो सकते हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें एक रिटेल इन्वेस्टर ने 7 लाख रुपये की कमाई की, लेकिन उसे 74,375 रुपये का टैक्स चुकाना पड़ा.

इन्वेस्टर की इनकम 7 लाख, फिर भी देना पड़ा 74 हजार का टैक्स! 12 लाख की टैक्स छूट के बावजूद हुआ ऐसा क्यों?
Shivendra Singh|Updated: Jul 06, 2025, 06:20 PM IST
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स्टॉक मार्केट में निवेश से अच्छा मुनाफा कमाना जितना रोमांचक होता है, उससे जुड़े टैक्स नियम उतने ही कॉम्प्लिकेटेड हो सकते हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें एक रिटेल इन्वेस्टर ने 7 लाख रुपये की कमाई की, लेकिन उसे 74,375 रुपये का टैक्स चुकाना पड़ा. यह मामला टैक्सबड्डी डॉट कॉम के फाउंडर और पूर्व IRS अधिकारी सुझित बंगर ने लिंक्डइन पर शेयर किया है ताकि आम निवेशकों को एक महत्वपूर्ण गलती के प्रति सतर्क किया जा सके.

इस केस में निवेशक राहुल ने ये सोचा कि उसकी कुल इनकम 12 लाख रुपये से कम है, तो उसे टैक्स देने की जरूरत नहीं है. लेकिन उसने यह नहीं समझा कि शेयर बाजार की कमाई को किस श्रेणी में रखा गया है और हर श्रेणी पर टैक्स के नियम अलग-अलग होते हैं. राहुल की कमाई इस प्रकार थी:

- इंट्राडे ट्रेडिंग में 3 लाख रुपये का नुकसान
F&O (फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस) से 2.5 लाख रुपये का लाभ
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन से 3.5 लाख रुपये की कमाई
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन से 4 लाख रुपये की कमाई

राहुल ने सभी प्रॉफिट और लॉस को जोड़कर सोचा कि उसकी नेट इनकम 7 लाख रुपये है और उसे कोई टैक्स नहीं देना होगा. लेकिन सच्चाई यह है कि टैक्स नियमों के तहत हर प्रकार की कमाई अलग नियमों के अंतर्गत आती है और उन्हें एक-दूसरे से एडजस्ट नहीं किया जा सकता.

टैक्स नियमों के अनुसार आय का वर्गीकरण
- इंट्राडे ट्रेडिंग को स्पेकुलेटिव इनकम माना जाता है. इसमें हुआ नुकसान केवल इसी तरह की इनकम से एडजस्ट किया जा सकता है और 4 साल तक कैरी फॉरवर्ड किया जा सकता है.
F&O ट्रेडिंग को नॉन-स्पेकुलेटिव बिजनेस इनकम माना जाता है. इस पर स्लैब के अनुसार टैक्स लगता है और नुकसान को 8 साल तक आगे बढ़ाया जा सकता है.
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) पर सेक्शन 111A के तहत सीधा 20% टैक्स लगता है और यह सामान्य छूट की श्रेणी में नहीं आता.
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) पर सेक्शन 112A के तहत पहले 1.25 लाख रुपये तक की छूट है, लेकिन इसके ऊपर 12.5% टैक्स देना होता है.

क्यों नहीं मिला टैक्स में छूट?
राहुल यह भूल गया कि सेक्शन 87A की 12,500 रुपये की टैक्स छूट केवल सामान्य आय (जैसे वेतन) पर लागू होती है, न कि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर. इसलिए उसे इनकम कम होने के बावजूद टैक्स चुकाना पड़ा. सुझित बंगर का कहना है कि कम इनकम का मतलब कम टैक्स नहीं होता, जब तक आप हर इनकम की कैटेगरी और उस पर लागू टैक्स नियमों को न समझें.

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