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होर्मुज स्ट्रेट बंद होने पर भी भारत में नहीं बढ़ेगा तेल का भाव, सरकार के पास ईरानी हथियार का क्या है तोड़?

Hormuz Strait: भारत अपनी रोजाना जरूरतों का लगभग 30 फीसदी तेल होमुर्ज जलडमरूमध्य के जरिये मंगाता है. ऐसे में होमुर्ज स्ट्रेट के बंद होने से लगभग 30 फीसदी तेल के आयात पर असर पड़ने की संभावना है.

होर्मुज स्ट्रेट बंद होने पर भी भारत में नहीं बढ़ेगा तेल का भाव, सरकार के पास ईरानी हथियार का क्या है तोड़?
Sudeep Kumar|Updated: Jun 23, 2025, 06:20 PM IST
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(Ravinder Kumar की रिपोर्ट)

Iran Israel War: ईरान -इजराइल युद्ध में अमेरिका के कूदने के बाद ईरान ने होर्मुज स्ट्रेट बंद करने की धमकी दी है. ईरान की संसद में इसको लेकर प्रस्ताव भी पारित हो गया है. अब अंतिम फैसला सुप्रीम कॉउंसिल को लेना है. अगर ईरान होमुर्ज जलडमरूमध्य को बंद करता है तो भारत को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. 

भारत अपनी रोजाना जरूरतों का लगभग  30 फीसदी तेल होमुर्ज जलडमरूमध्य के जरिये मंगाता है. ऐसे में होमुर्ज स्ट्रेट के बंद होने से लगभग 30 फीसदी तेल के आयात पर असर पड़ने की संभावना बढ़ जाएगी. भारत में हर दिन 5.5 मिलियन बैरल की खपत है. भारत लगभग 1.5-2 मिलियन बैरल कच्चा तेल होमुर्ज स्ट्रेट से मंगाता है. 

तेल की कीमतों पर नहीं पड़ेगा असर

हालांकि, सरकार का साफ तौर पर मानना है कि भारत के तेल व्यापार और उसकी कीमतों पर बहुत ज़्यादा असर नही पड़ेगा. लेकिन तेल कंपनियों का घाटा बढ़ने पर सरकार को कीमतों को लेकर फैसला लेना पड़ सकता है. लेकिन इस हालात में भी तेल की कीमतों का असर आम लोगों पर नही पड़ने दिया जा सकता है.

दरअसल, इसी साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में मोदी सरकार ये रिस्क नहीं लेना चाहेगी कि तेल की कीमतों में और बढ़ोतरी हो. इसलिए यह माना जा रहा है कि वैसे हालात में केंद्र सरकार पेट्रोलियम पदार्थों पर लगनेवाले एक्साइज ड्यूटी को कम करके तेल की कीमतों को बढ़ने नहीं देगी.  
 
40 देशों से कच्चा तेल खरीदता है भारत

वर्तमान में भारत लगभग 40 देशों से कच्चा तेल आयात करता है. पहले भारत 27 देशों से तेल आयात करता था. पिछले 4 साल में 3 बार पेट्रोल-डीजल के दामों में कटौती की गई है. यह कटौती नवंबर 2021, मई 2022 और मार्च 2024 में की गई थी. 

सूत्रों के मुताबिक, अगर ईरान होमुर्ज स्ट्रीट को बंद करता है तो ऐसी स्थिति में भारत दूसरे रास्तों और दूसरे उत्पादकों से कच्चा तेल मंगा सकता है. हालांकि, बाजार विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगर दूसरे रास्ते से तेल आता है तो ढुलाई और बीमा का खर्च में बढ़ोतरी हो सकती है.

आम आदमी को नही होगी दिक्कत 

फिलहाल भारत अपनी जरूरत का 38% कच्चा तेल रूस से मंगा रहा है. वहीं, भारत की एलपीजी की जरुरत का 50 प्रतिशत घरेलू उत्पादन हो रहा है. सरकार के अनुसार, भारत के पास कई सप्ताह के लिए कच्चा तेल का पर्याप्त भंडार है. इसके अलावा वैश्विक स्तर पर भी कच्चे तेल की सप्लाई डिमांड से ज्यादा है. भारत गल्फ देशों के अलावा ब्राज़ील, रूस, बोलिविया और अन्य देशों से कच्चा तेल आयात करता है.

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