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हाड़ कंपा देने वाले इलाकों में कैसे चलेगी वंदे भारत? रेलवे ने ट्रेन में कर डाले कई बड़े बदलाव; रह जाएंगे हैरान

Kashmir Vande Bharat: ज्यादा ठंड वाले इलाकों को देखते हुए वंदे भारत ट्रेन में कई बड़े बदलाव किए गए हैं ताकि यात्रियों की यात्रा आसान हो सके. इसके लिए गर्म पानी के अलावा हीटिंग इंसुलेशन जोड़े गए हैं.

हाड़ कंपा देने वाले इलाकों में कैसे चलेगी वंदे भारत? रेलवे ने ट्रेन में कर डाले कई बड़े बदलाव; रह जाएंगे हैरान
Rachit Kumar|Updated: Jan 19, 2025, 07:32 AM IST
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Delhi to Srinagar Vande Bharat: भारतीय रेलवे ने ज्यादा ठंडे इलाकों में देश की फ्लैगशिप ट्रेन वंदे भारत चलाने के लिए इसमें कई बदलाव किए हैं. इसमें अत्यधिक तापमान में बाथरूम में बर्फ न जमे और ड्राइवर के शीशों पर बर्फ न जमे साथ ही भाप भी जमा न हो इसके लिए गर्म पानी समेत तमाम हीटिंग इंसुलेशन जोड़े गए हैं.

उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया, "इस ट्रेन में जरूरत के मुताबिक चीजें जोड़ी गई हैं. ट्रेन में सबसे बड़ी समस्या शून्य तापमान पर पानी के टैंक और पाइपलाइन में पानी का जम जाना है, जिसकी वजह से जलापूर्ति प्रभावित होती है. इसे हल करने के लिए पानी की पाइपलाइन और टैंक में सिलिकॉन इंसुलेशन और हीटिंग की व्यवस्था की गई है, ताकि पानी का तापमान स्थिर रहे.

रेलवे ने क्या-क्या बदलाव किए?

इसके अलावा, टॉयलेट में जाने वाले लोगों को भी दिक्कत होती है, विशेष रूप से शून्य तापमान में. इसे ध्यान में रखते हुए, टॉयलेट में ब्लोअर वेंडर्स लगाए गए हैं. साथ ही सुरक्षा के नजरिए से लोको पायलट ट्रेन को सुरक्षित तरीके से चला सकें, इसके लिए लोको पायलट के कैब में कुछ बदलाव किए गए हैं."

उन्होंने कहा, "ड्राइवर के सामने की विंड स्क्रीन दो परतों की बनाई गई हैं, जिनके बीच हीटिंग एलिमेंट्स दिए गए हैं. इस व्यवस्था से बर्फ शीशे पर चिपकने से बचती है, क्योंकि हीटिंग एलिमेंट्स की वजह से बर्फ नीचे गिर जाती है और चिपकती नहीं है. इसके अलावा, वाइपर के वॉशर्स में गर्म पानी धीरे-धीरे बहता है, जिससे बर्फ और भाप शीशे से हट जाती है. इस तकनीक से ड्राइवर को स्नोफॉल में भी गाड़ी चलाने में आसानी होगी."

ट्रेन रूट पर क्या बोले अधिकारी

उन्होंने कहा, "जहां तक ट्रेन के मार्ग का सवाल है, यह निर्णय होना बाकी है कि जम्मू-कश्मीर लिंक पूरी तरह से तैयार नहीं है. रिपोर्ट आ चुकी है और हम अभी उसकी अध्ययन कर रहे हैं कि इसमें और क्या सुधार किया जा सकता है. अध्ययन के बाद समय सारणी, ऑपरेशन, कंफर्ट और सुरक्षा प्रोटोकॉल का मूल्यांकन किया जाएगा, जिसके बाद ट्रेन को चलाने का निर्णय लिया जाएगा."

(इनपुट-IANS)

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