Jane Street Scam: अमेरिका की ग्लोबल ट्रेडिंग कंपनी जेन स्ट्रीट (Jane Street) इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (income tax department) की जांच में सहयोग नहीं कर रही है. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में इसको लेकर दावा किया गया. कंपनी की देश में एक्टिविटी और टैक्स कम्प्लायंस को लेकर जांच चल रही है. रिपोर्ट के अनुसार जेन स्ट्रीट (Jane Street) ने टैक्स अधिकारियों की तरफ से मांगे गए जरूरी दस्तावेज और डेटा तक एक्सेस नहीं दिया. कंपनी के सर्वर देश के बाहर हैं और अधिकारियों का इस पर कहना है कि उन्हें उन तक पहुंच नहीं मिल रही.
जेन स्ट्रीट के सर्वर भी देश के बाहर
कंपनी के अकाउंट से जुड़ी बुक भी दूसरे देशों में रखी गई हैं. जबकि नियमानुसार भारतीय कंपनी कानून के तहत उन्हें देश में ही रखा जाना जरूरी है. एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि यहां केवल एक छोटी टीम है, जो जांच में किसी भी तरह का सहयोग नहीं कर रही है.' रॉयटर्स के हवाले से एक सूत्र ने बताया, 'उनके सर्वर भी देश के बाहर हैं और पहुंच को ब्लॉक किया जा रहा है. खाते से जुड़ी किताबों को भी विदेश में रखा गया है, जो कि भारतीय कानून का पूरी तरह उल्लंघन है.'
नुवामा वेल्थ के ऑपरेशंस की जांच हो रही
जांच के हिस्से के रूप में टैक्स अधिकारी जेन स्ट्रीट के देश के ऑफिस और उसके लोकल पार्टनर नुवामा वेल्थ के ऑपरेशंस की जांच कर रहे हैं. जांच अभी शुरुआती दौर में है और अधिकारियों को सहयोग नहीं मिलने के कारण जांच को आगे बढ़ाने में दिक्कत हो रही है. आपको बता दें जुलाई महीने की शुरुआत में मार्केट रेग्युलेटर सेबी ने 4 जुलाई को जेन स्ट्रीट की ट्रेडिंग पर अस्थायी तौर पर रोक लगा दी थी. सेबी का आरोप था कि कंपनी ने डेरिवेटिव्स के जरिये स्टॉक इंडेक्स में हेरफेर किया है.
भारत में 4.23 अरब डॉलर का मुनाफा कमाया
सेबी की जांच में सामने आया कि जनवरी 2023 से मई 2025 के बीच जेन स्ट्रीट ने भारत में 4.23 अरब डॉलर का मुनाफा कमाया. इसके जवाब में कंपनी ने 567 मिलियन डॉलर एक एस्क्रो अकाउंट में जमा किए. सेबी की तरफ से इसे 'अवैध मुनाफा' बताया गया. कंपनी की तरफ से इस राशि को जमा करके मामले को सुलझाने की नीयत दिखाई गई, लेकिन कानूनी विकल्प खुले रखे. इसके बाद सेबी ने ट्रेडिंग पर रोक हटाई. फिर भी, जेन स्ट्रीट ने देश में ट्रेडिंग शुरू नहीं की. अब चल रही टैक्स जांच और डेटा तक पहुंच की समस्या बड़ी चुनौती बनी हुई है.