Jan Aushadhi Center: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने जन औषधि सप्ताह (1 मार्च से 7 मार्च) के शुभारंभ के मौके पर जन औषधि रथों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस मौके पर उन्होंने बताया कि सरकार का लक्ष्य 2025 के अंत तक 20,000 और 2027 तक 27,000 जन औषधि केंद्र खोलने का है. नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में सस्ती और अच्छी क्वालिटी वाली दवाएं उपलब्ध कराने के लिए जन औषधि केंद्रों की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है. पहले देशभर में महज 80 जन औषधि केंद्र थे. लेकिन अब इनकी संख्या बढ़कर 15,000 पर पहुंच गई है.
2027 तक 27,000 जन औषधि केंद्र खुलेंगे
सरकार ने 2025 के अंत तक 20,000 और 2027 तक 27,000 जन औषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य है. उन्होंने बताया कि सरकार योजना को तेजी से आगे बढ़ा रही है ताकि देश के सभी नागरिकों को कम कीमत पर जरूरी दवाएं मुहैया करायी जा सकें. केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि जन औषधि सप्ताह के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों आयोजित किये जाएंगे, जिससे लोगों को सस्ती दवा और स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी दी जा सके.
जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन होगा
जन औषधि - जन चेतना सप्ताह (1 से 7 मार्च) के दौरान जागरूकता बढ़ाने के लिए तमाम कार्यक्रमों का आयोजन होगा. योजना के तहत सस्ती दवाओं के ऑप्शन उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे लोगों का दवाओं पर खर्च कम हो सके. अब तक इस योजना के जरिये लाखों लोगों को किफायती और अच्छी क्वालिटी की दवाएं उपलब्ध कराई गई हैं.
1 रुपये में सैनिटरी पैड उपलब्ध कराया जा रहा
अनुप्रिया पटेल ने बताया कि महिलाओं को जन औषधि केंद्र पर महज 1 रुपये में सैनिटरी पैड उपलब्ध कराया जाता है. इससे मासिक धर्म स्वच्छता (menstrual hygiene) के प्रति महिलाओं की जागरूकता बढ़ी है. सरकार चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं इस सुविधा का फायदा उठाएं. 'जन औषधि सप्ताह' प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (PMBJP) का एक अहम हिस्सा है. इस योजना का मकसद देश के नागरिकों को सस्ती और अच्छी क्वालिटभ् की दवाएं उपलब्ध कराना है.