Onion Price in maharashtra: पिछले दिनों प्याज की महंगी कीमत ने लोगों के बजट को बिगाड़ दिया था. लेकिन अब इसमें तेजी से गिरावट आने से आम आदमी को राहत मिली है. जबकि किसान प्यार की कीमत में गिरावट से परेशान हैं. करीब एक महीने पहले खुदरा बाजार में प्याज का रेट बढ़कर 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया था. लेकिन अब महाराष्ट्र के प्याज से जुड़े थोक बाजारों में प्याज की कीमत 2-5 रुपये प्रति किलो के निचले स्तर तक पहुंच गए. सरकार की तरफ से प्याज के निर्यात पर रोक लगाए जाने के बाद इसकी कीमत में गिरावट देखी जा रही है.
2 रुपये किलो से 6 रुपये किलो के बीच रह गई कीमत
नवंबर में प्याज की कीमत 60 रुपये प्रति किलो के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गई थीं. उस समय महाराष्ट्र के लासलगांव मार्केट में सबसे कम कीमत 20 रुपये प्रति किलो से भी ज्यादा थीं. निर्यात पर रोक लगाए जाने से पहले दिसंबर में लासलगांव में सबसे कम 15 रुपये और सबसे ज्यादा कीमत 45 रुपये प्रति किलो थी. हालांकि, एक दिन पहले महाराष्ट्र में उच्चतम थोक मूल्य करीब 20-22 रुपये किलो था, जबकि औसत कीमत 15-20 रुपये प्रति किलो के बीच था. इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार अलग-अलग बाजार में सोमवार को न्यूनतम कीमत 2 रुपये किलो से लेकर 6 रुपये किलो के बीच रह गई.
आवक पिछले 15 दिन के दौरान बढ़ी
ऑनियन एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजीत शाह ने बताया कि गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश से खरीफ प्याज की आवक पिछले 15 दिन के दौरान बढ़ी है. निर्यात से प्याज की कीमतों को मिलने वाला समर्थन भी नहीं मिल रहा है, जिससे दबाव बढ़ रहा है और प्यार की कीमत में गिरावट आ रही है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार, 5 से 26 दिसंबर तक पिछले तीन हफ्ते के दौरान अलग-अलग राज्यों में खुदरा प्याज की कीमत में 10% से 34% तक की गिरावट आई है. आइए जानते में प्याज की कीमत में गिरावट का कारण-
प्याज के निर्यात पर रोक
पिछले दिनों प्याज की बढ़ती कीमत मो नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने निर्यात पर रोक लगा दी थी. किसान संघ की तरफ से इसका विरोध किया गया था. प्याज के निर्यात पर रोक के बाद इसकी कीमत में तेजी से गिरावट आई. जानकारों के अनुसार प्याज की कीमत आने वाले समय में और नीचे आ सकती है. केंद्र की तरफ से 8 दिसंबर को 31 मार्च, 2024 तक प्याज के निर्यात पर रोक लगाने का आदेश दिया गया था.
नए फसल की आवक
नासिक और नागपुर जैसे प्रमुख प्याज उत्पादक क्षेत्रों में नई फसल का आगमन शुरू हो गया है. इससे प्याज की उपलब्धता बढ़ने और मांग कम होने से कीमत में गिरावट आई है. एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन की तरफ से भी बताया गया कि गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश से खरीफ प्याज की आवक बढ़ी है. इसका असर कीमत पर दिखाई दे रहा है.
मौसम की स्थिति
पिछले कुछ महीने में मौसम की स्थिति अनुकूल रही है, जिससे प्याज की फसल अच्छी हुई है. इन कारणों से भी प्याज की कीमत में गिरावट आने की बात कही जा रही हैृ. यह ध्यान रखना जरूरी है कि प्याज की कीमत मौसम की स्थिति, मांग और आपूर्ति जैसे कारकों से प्रभावित होती है. आने वाले समय में प्याज का रेट और नीचे आ सकता है.